कोयला संकट की वजह से कांटी थर्मल प्लांट की दोनों यूनिट बंद कर देनी पड़ी। राज्य के दूसरे प्लांट में भी काेयले की कमी है। इस वजह से दुर्गापूजा के दाैरान मुजफ्फरपुर समेत पूरे उत्तर बिहार में गुरुवार काे बिजली संकट और गहरा गया। में फंस गया है। नवरात्र के समय बिजली संकट से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। प्लांट बंद हाेने की वजह काेयला खदान में पानी भरा हाेने से आपूर्ति कम हाेना बताई जा रही है।
मुजफ्फरपुर के सभी ग्रिड को जरूरत से काफी कम बिजली मिली। एसकेएमसीएच ग्रिड को शाम 5 बजे 70 के बदले महज 25 मेगावाट बिजली सप्लाई मिली। भिखनपुरा ग्रिड, मुशहरी और महवल सुपरग्रिड की आपूर्ति में भी कटौती की गई है। शहरी क्षेत्र में शाम काे बहुत कम बिजली मिली।
देशभर में संकट का दावा
ट्रांसमिशन से जुड़े उच्च स्तरीय सूत्रों का दावा है काेयला संकट राष्ट्रीय स्तर पर है। कांटी थर्मल के पास भी कोयला नहीं है। आने वाले दिनाें में समस्या और गंभीर हो सकती है। इधर, मुजफ्फरपुर सर्किल के विद्युत अधीक्षण अभियंता रितेश कुमार कहते हैं कि रोटेशन पर बिजली दी जा रही है। समस्या केवल मुजफ्फरपुर में नहीं है।
खुद एनबीपीडीसीएल अधिकारी भी परेशान
ग्रामीण क्षेत्राें में दो से तीन बार एक-एक घंटे के रोटेशन पर आपूर्ति हाे रही है। इससे बच्चों की पढ़ाई भी बाधित हाे रही है। त्योहार के मौसम में उत्पन्न इस संकट से एनबीपीडीसीएल अधिकारी भी परेशान हैं। जीरोमाइल में बिजली दी गई, तो अखाड़ाघाट में काट दी गई। ग्रामीण क्षेत्र में मीनापुर काे बिजली मिली, तो कटरा में आपूर्ति बंद कर दी गई।
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