बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने बिहार की शराब नीति पर निशाना साधते हुए लोगों को रात दस बजे के बाद पीने की सलाह दे दी है। उन्होंने बुधवार को बगहा में कहा कि डीएम-एसपी से लेकर विधायक और मंत्री सब शराब पीते हैं। उन्हें तो कोई गिरफ्तार नहीं करता। मांझी ने यह भी कहा कि दवा के रूप में थोड़ी-थोड़ी शराब लेना गलत नहीं है।
उन्होंने कहा कि बिहार में बड़े-बड़े अफसरों के साथ-साथ एमपी, एमएलए, ठेकेदार रात 10 बजे के बाद शराब का सेवन करते हैं। लोगों को सलाह देते हुए कहा कि आप लोग भी उन बड़े लोगों की तरह अपने घरों में रात को शराब पिएं, किसी को पता नहीं चलेगा। आप लोग शराब पीकर रोड पर निकलते हैं तो आप की गिरफ्तारी होती है। उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून की आड़ में गरीबों और दलितों को पकड़कर जेल में डाला जा रहा है, वह गलत है। आधा बोतल और एक बोतल शराब का सेवन करने पर जेल भेजा जा रहा है। यह न्याय संगत नहीं है। मेडिकल साइंस भी कहता है कि एक लिमिट में शराब लेना लाभदायक होता है।
हमारी जाति में देवी-देवता को चढ़ती है शराब
मांझी ने कहा कि अगर कोई 50 लीटर 100 लीटर के साथ पकड़ में आ रहा है तो उसको जेल भेजो। जाति का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि हमारे समाज में रिवाज है कि देवी-देवताओं को भी शराब चढ़ाई जाती है। सूअर की बलि देने से पहले उसको शराब पिलाई जाती है। इसके साथ ही दिन भर मेहनत मजदूरी करने के बाद कोई 50 से 100 रुपए की शराब खरीद कर पी लेता है तो पुलिस उसको पकड़ कर जेल भेज देती है। जबकि, बड़े-बड़े लोग भी शराब पीते हैं उनका कुछ नहीं होता।
जीतन राम मांझी ने यह भी कहा कि जब मैं छोटा था तो मेरे घर भी शराब बनती थी। मेरी मां और पिताजी शराब बनाते थे। लेकिन, जब मैं पढ़ लिख लिया तो शराब बनाने का काम बंद करा दिया। उन्होंने कहा कि हमारी सभ्यता में ही शराब है, इसे हटाया नहीं जा सकता है।
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