नैनीताल में हुए भूस्खलन (Nainital landslide) में उत्तर बिहार के 9 मजदूरों की मौत (Nine workers died) हो गई है. बताया जा रहा है कि नैनीताल जिले में आई प्राकृतिक आपदा में एक घर मलबे में दब गया जिसके बाद घर में मौजूद बिहार के नौ लोगों की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि तल्ला रामगढ़ के झोतिया गांव में पूरा घर मलबे में समा गया जिसके बाद बिहार के बेतिया जिले के रहने वाले नौ मजदूरों की मौत हो गई. ये यह सभी मजदूर लोक निर्माण विभाग ठेकेदार जगदीश पांडे के लिए काम करते थे.
मौके पर पहुंची एनडीआरएफ की टीम ने घर के भीतर दबे बिहार के पांच मजदूरों का शव गुरुवार शाम तक निकाल लिया है. इसके बाद सभी शवों का मौके पर ही पोस्टमार्टम कर हल्द्वानी सुशीला तिवारी अस्पताल भिजवा दिया गया है. एनडीआरएफ अभी भी मौके पर बांकी मजदूरों के शव को निकालने की कोशिश कर रही है।
बेतिया के रहने वाले हैं सभी मजदूर
लगातार मिट्टी में दबे होने की वजह से शव की स्थिति बहुत बुरी है. इसलिए उनके पहचान में समस्या आ रही है. उनके साथ काम करने वाले मजदूरों से शव की शिनाख्त कराई जा रही है. बताया जा रहा है कि हादसे के शिकार हुए सभी मजदूर बिहार के बेतिया के रहने वाले हैं. इधर
भूस्खलन के बाद घर पूरी तरह जर्जर हो चुका है. उसके गिरने का खतरा बना हुआ है. यही वजह है कि घर के अदर घुस कर एनडीआरएफ की टीम शवों को तलाश नहीं कर पा रही है. टीम मशीन से इंटों को गिरा कर शवों को तलाश रही, यही वजह है कि इसमें देरी हो रही है.
उत्तराखंड आपदा में तिरहुत के 12 लोगों की मौत
इससे पहले दोषापानी गांव में दीवार के नीचे दबने से पश्चिमी चंपारण के तीन और उत्तरप्रदेश के अंबेडकरनगर के दो मजदूरों की मौत हो गई थी. जिनके शवों को पोस्टमार्टम करवाने के बाद उन्हें हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल भिजवाया गया था जहां से उन्हें दिल्ली के रास्ते उनके घर को पहुंचाया जा रहा है. इसके बाद अब झोतिया में मारे गए मजदूरों के शव भी उनके घर बेतिया भेजने की कोशिश प्रशासन कर रही है।
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