मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद का ऑपरेशन के बाद आंख गंवाने वाली एक महिला की गुरुवार को मौत हो गई। मौत की जानकारी मिलते ही अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया है। आंख की रोशनी गंवाने के बाद यह पहली मौत है। हालांकि एक और मौत की चर्चा है लेकिन पुष्टि नहीं हो सकी है।
स्थानीय सूत्र बताते हैं कि 25 नवंबर को महिला और उसके परिजन मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल पहुंचे थे। वहां पर पुर्जा कटवाने के बाद मरीज को भर्ती किया गया था। वहां आपरेशन कर दिया गया। इसके बाद जब वे लोग घर पहुंचे तो एक दिन बाद महिला की हालत बिगड़ने लगी। उसे बेचैनी और सांस लेने में तकलीफ होने लगी।
इसके बाद परिजन उसे लेकर फिर मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल पहुंचे। वहां जांच करने के बाद रेफर कर दिया। वे लोग महिला को लेकर एक प्राइवेट हॉस्पिटल में चले गए। वहां से भी इलाज के बाद घर भेज दिया गया। इधर पिछले 24 घंटे में महिला की तबियत अधिक बिगड़ गयी। आज उसकी मौत हो गयी।
आपरेशन के बाद रोशनी गंवाने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। बुधवार को मेडिकल कॉलेज में गंभीर रूप से संक्रमित नौ और पीड़ितों की आंख निकालनी पड़ी। इससे आंख गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 15 हो गई है। बुधवार को नौ नए मरीज भी मेडिकल कॉलेज में भर्ती किए गए हैं। जांच के बाद इनकी आंख निकालने पर फैसला होगा।
जिन नौ लोगों की रोशनी चली गई थी उनमें बंदरा के रामपुर दयाल गांव की जुबैदा खातून की गुरुवार को मौत हो गई। जुबैदा का मोतियाबिंद का आपरेशन आई हॉस्पिटल में हुआ था। जुबैदा संक्रमण के बाद घर पर ही थी। बताया जाता है कि जुबैदा किडनी की मरीज भी थी।
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