हाल में बिहार में बहाल हुए अमीनो के दस्तावेजों में भारी फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है सबसे बड़ी बात ये की सरकार सिर्फ अमीनों को हटा कर खानापूर्ति कर रही है जब की बहाली में बिना मिलीभगत के ये सब हो पाना बिल्कुल संभव नही है एक एक पद के लिये लाखों लाख रुपया लेने वाले कौन लोग थे उनकी धरपकड़ कब होगी सरकार की नींद कब खुलेगी?
विशेष भूमि सर्वेक्षण के लिए अमीन की नियुक्ति में गड़बड़ी सामने आयी है. सिविल इंजीनियरिंग के फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर संविदा पर नियुक्ति 96 अमीनों को बर्खास्त कर दिया गया है. इनमे पांच महिलाएं भी है. भू अभिलेख के निदेशक जय सिंह ने गुरुवार को सभी जिलों के बंदोबस्त पदाधिकारियों को पत्र लिखकर कार्रवाई करने का आदेश दिया. बर्खास्त किये गये सभी अमीनों पर एफआइआर दर्ज करायी जायेगी और अब तक जो वेतन प्राप्त किया है, उस राशि की वसूली भी की जायेगी. प्रमाण पत्रों के सत्यापन की पक्रिया अभी चल रही है. फर्जी प्रमाण पत्रों से नौकरी पाने वालों की संख्या में अभी और वृद्ध हो सकती है. पहले चरण के सत्यापन के बाद 192 अमीनों को हटाया जा चुका है.
सिर्फ बुंदेलखंड विश्वविद्यालय का फर्जी डिप्लोमा लगाकर बिहार में 38 लोग अमीन की नौकरी पा गए। इन्होंने उस कोर्स का डिप्लोमा लगा दिया, जो यहां संचालित ही नहीं होता है। बिहार के भू अभिलेख और परिमाप निदेशालय ने नौकरी पाए अमीनों के प्रमाण पत्रों को सत्यापन के लिए विवि को भेजा, तो इसका खुलासा हुआ। विवि की ओर से बिहार शासन को इसकी रिपोर्ट भेजी गई, जिसके बाद इन अमीनों की सेवा समाप्त कर दी गई है।बिहार में भू अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय ने जुलाई 2020 में संविदा पर 3456 अमीनों की नियुक्तियां निकाली थीं बाद में इनके दस्तावेजों की जांच की जा रही है अबतक 300 लोग फर्जीवाड़े में पकड़े गए है जिनमे ज्यादातर लोग बिहार के विभिन्न जिले और झारखंड के है।
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