मुजफ्फरपुर, मौसम में बदलाव के साथ शहर में मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ गया है। मच्छरों के दंश से लोगों का जीना मुहाल हैैै। रात की कौन कहे दिन में भी लोगों को राहत नहीं मिल पा रही है। गंदगी और जलजमाव इस पीड़ा को और बढ़ा रहे हैं। जिन इलाकों में अभी बारिश का पानी लगा है वहां की स्थिति तो और खराब है। लोगों को दिन में भी मच्छरदानी या मच्छर भगाने की दवा का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। कहीं-कहीं तो दवा का प्रयोग भी काम नहीं आ पा रहा है।
अभियान के नाम पर सिर्फ खानापूरी
मच्छरों पर नियंत्रण का जिम्मा नगर निगम का है, लेकिन वह ईमानदारी से अपनी जिम्मेदारी का पालन नहीं कर पा रहा है। निगम द्वारा दो तीन माह पर एक बार हर वार्ड में फाङ्क्षगग कराई जाती है। कुछ वार्डों में एंटी लार्वा दवा का भी छिड़काव कराया जाता है, लेकिन निगम का यह प्रयास नाकाफी साबित हो रहा है। हम कह सकते हैं निगम का प्रयास ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहा है। नगर निगम के पास आधा दर्जन फाङ्क्षगग मशीनें और पर्याप्त संख्या में स्प्रे मशीन है इसकी सहायता से वह कभी-कभार अभियान चलाता है। नियमित अभियान की दरकार है।
मलेरिया व डेंगू की आशंका से सहमे रहते शहरवासी
मच्छरों के बढ़ते प्रकोप के बीच शहरवासी मलेरिया व डेंगू से सहमे हैं। मच्छरों के काटने से मलेरिया व डेंगू होता है। डा.संजय कुमार ने कहा कि उपरोक्त बीमारियों से बचने के लिए मच्छरों से बचाव जरूरी है।
कुर्सी की लड़ाई में फंसे हैैं जनप्रतिनिधि और अधिकारी
जनता भले मच्छरों के दंश से परेशान हो, लेकिन इसकी परवाह न जनप्रतिनिधियों को है और न ही अधिकारियों को। दोनों इन दिनों कुर्सी की लड़ाइर्् में फंसे हैैं। जनता की पीड़ा से उनका कोई लेना-देना नहीं है। जनता की नजर उनपर है। अगले साल निकाय चुनाव में उनको जनता सबक सिखा सकती है। नगर निगम प्रबंधक ओम प्रकाश ने कहा कि नगर निगम द्वारा बराबर फाङ्क्षगग कराई जाती है। नालों में एंटी लार्वा दवा का छिड़काव भी किया जाता है। बारी-बारी से अभियान चलाया जा रहा। आगे अभियान को और तेज किया जाएगा।
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