top of page
ei1WQ9V34771.jpg
Ali Haider

मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल की लापरवाही से चली गई 26 लोगों के आंखों की रोशनी 9 की निकालनी पड़ी आंखें


मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में 26 लोगों की ऑपरेशन वाली आंखों की रोशनी चले जाने का मामला सामने आया है। घटना से स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मचा है। एक ट्रस्ट से संचालित मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में 22 नवंबर को पीड़ितों के मोतियाबिंद का मुफ्त ऑपरेशन हुआ था। अगले दिन पट्टी खुलने के बाद उन्हें कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था। सोमवार को सिविल सर्जन तक शिकायत पहुंची तो मामला उजागर हुआ। गंभीर संक्रमण के शिकार 15 मरीजों को पटना भेजा गया है।


सिविल सर्जन डॉ. विनय कुमार शर्मा ने बताया कि घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। उक्त हॉस्पिटल में कुल 60 मरीजों की आंखों का ऑपरेशन एक ही तिथि को हुआ था। आधा दर्जन मरीजों को एसकेएमसीएच में रेफर कराकर इलाज शुरू कराया गया है। कई मरीजों का पटना में इलाज चल रहा है। आई हॉस्पिटल में भी अभी चार-पांच मरीज इलाजरत हैं।

परिवारीजनों में आक्रोश

आंखों की रोशनी जाने से पीड़ितों के परिजनों में आक्रोश है। सबने सीएस से मुआवजा की मांग की। लिखित शिकायत में परिजन राममूर्ति सिंह, कौशल्या देवी, पन्ना देवी, सावित्री देवी व प्रेमा देवी आदि ने कहा कि 22 नवंबर को परिजनों के मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया। इसके बाद आंखों में दर्द व परेशानी बढ़ गई। कई मरीजों को आंख निकालने तक का सुझाव दे दिया गया।

सबकी आंख में गंभीर इन्फेक्शन

दृष्टिपुंज अस्पताल, पटना के निदेशक डॉ.सत्यप्रकाश तिवारी ने बताया कि मुजफ्फपुर से 15 मरीज यहां आए थे। सबकी स्थिति काफी बिगड़ी हुई थी। बावजूद इसके कुछ का ऑपरेशन किया गया और कुछ को दवा व इंजेक्शन दिया गया। दोबारा उन्हें बुलाया गया था, लेकिन सोमवार तक वे यहां नहीं आए। ऐसे में यह कहना मुश्किल है कि उनकी आंख की रोशनी लौटेगी या नहीं।

किसने किया ऑपरेशन,पता नहीं

पर्ची पर ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर का नाम एनडीएस लिखा है। छपी पर्ची पर किसी का नाम काटकर एनडीएस लिखा गया है। इस संबंध में सचिव दिलीप जालान ने कहा कि डॉ.एनडी साहू ने ऑपरेशन किया था। उन्हें आग्रह कर बुलाया गया था। वहीं, डॉ.साहू ने बताया कि वे 2015 में मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल छोड़ चुके हैं। न उन्होंने ऑपरेशन किया है और ना उनका उस अस्पताल से कोई संबंध है।


0 comments

Comentários


bottom of page