मुजफ्फरपुर : धनतेरस को लेकर मंगलवार को सुबह से ही बाजारों में चहल-पहल शुरू हो गई। शाम होने के साथ बाजारों में भीड़ उमड़ पड़ी। कोरोना काल एवं महंगाई को मात देकर लोगों ने जमकर खरीदारी की। एक आंकड़ा के अनुसार जिले में 650 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार हुआ। लाकडाउन के बाद बाजार में इस तरह धनवर्षा होते देख कारोबारियों के चेहरे खुशी से खिल उठे। धनतेरस पर बर्तन एवं गहने की खरीदारी की परंपरा रहती है। सभी सामर्थ्य के अनुसार कुछ न कुछ अवश्य खरीदारी की। झाड़ू लेने के लिए लोगों की भारी भीड़ रही। इसके अलावा पीतल, तांबे, स्टील के बर्तन, सोने-चांदी के आभूषण, सिक्के, अंगूठी, बिदिया-बाली, बिछुआ आदि का बाजार देर रात तक गुलजार रहे। मोतीझील, कल्याणी, सरैयागंज, छोटी कल्याणी, हरिसभा, सूतापट्टी, तिलक मैदान, पुरानी बाजार गोला से लेकर कई अन्य बाजारों में विशेष साज-सज्जा के बीच रौनक रही। धनतेरस पर बर्तन बाजार खूब चमका सबसे अधिक बिक्री इसी बाजार में हुई। धनतेरस पर बर्तन की खरीदारी का खास महत्व है। दूसरी ओर सराफा बाजार जगमगाता रहा। पुरानी बाजार, छाता बाजार, अघोरिया बाजार एवं भगवानपुर में सराफा कारोबारियों के यहां सुबह में कम शाम को ग्राहकों की भीड़ उमड़ी। धनतेरस पर गाड़ियों की भी जमकर खरीदारी हुई। दोपहिया से लेकर चारपहिया वाहनों की एजेंसियों में देर शाम तक वाहन लेने के लिए ग्राहकों की लाइन लगी रही। हालांकि, अधिकतर गाड़ियों की पहले से ही बुकिग हो चुकी थी। मोबाइल व अन्य इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स का बाजार भी गुलजार रहा। वाहन, एलईडी, एसी, फ्रिज व वाशिग मशीन समेत अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स सामान और बर्तन खूब बिके। सराफा मंडी में ढ़ाई सौ करोड़ से अधिक के बिके जेवरात।
रंगबिरंगी रोशनी से जगमगा रहे पुरानी बाजार सराफा मंडी ग्राहकों ने सोने के हल्के गहने व फैंसी आइटम्स की खूब बिक्री हुई। आभूषण कारोबारी के अनुसार जिले की छोटी-बड़ी तीन हजार से अधिक दुकानों पर दो सौ करोड़ रुपये से अधिक के जेवरात बिके। जेवरात के साथ-साथ सोने-चांदी के सिक्के, गोल्ड टेंपल, चादी के लक्ष्मी गणेश, राधा-कृष्ण की मूर्तियों की लोगों ने जमकर खरीदारी की। पुराने सिक्कों की मांग भी अधिक रही। ब्रांडेट मूर्तियों व दीयों ने खरीदारों का ध्यान खींचा
बाजार में इस बार सामन्य मूर्तियों की बजाए लक्ष्मी-गणेश की की ब्रांडेड डिजाइनर मूर्तियों एवं दीयों की खूब मांग रही। अलग-अलग मुद्राओं वाली मूर्तियों के साथ ही डिजाइनर कपड़ों और एसेसरीज से भी मूर्तियों को अलग लुक दिया गया। राजस्थानी एवं साउथ इंडियन स्टाइल वाली लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों ने भी लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा। वही रंग-बिरंगे डिजाइन वाले दीये भी लोगों ने खरीदे। इलेक्ट्रानिक बाजार में जमकर हुई खरीदारी
इलेक्ट्रानिक बाजार में भी जमकर खरीदारी हुईं। टीवी, फ्रिज, वाशिग मशीन, लैपटाप एवं मोबाइल खरीदने के लिए तिलक मैदान, मोतीझील, मिठनपुरा रोड में खूब बिक्री हुई। ऑर्डर के साथ सभी सामान घर ले गए। दस हजार से अधिक बिके वाहन
धनतेरस पर वाहन बाजार गुलजार रहा। दोपहिया एवं चारपाहिया वाहनों की जमकर खरीदारी हुई। मंगलवार को विभिन्न एजेंसियों में खरीदारों की भीड़ सुबह से शाम तक लगी रही। लोग नया वाहन खरीदकर सीधे मंदिरों में पूजा करने के लिए पहुंच रहे थे। इस दौरान जिले की विभिन्न एजेसियों में देर रात तक दस हजार से अधिक दोपहिया वाहनों की बिक्री हुई। करीब तीन हजार चारपहिया वाहन बिके। जिन लोगों ने पहले से बुकिग कराई थी ये अपनी नई गाड़ी पर सवार होकर गए। जिन लोगों ने पहले से बुकिग नहीं कराई थी वे अपने पसंद की गाड़ी नहीं चुन सके। हालांकि होंडा, हीरो, टीवीएस, यामहा आदि गाड़ियों का स्टाक एजेंसी वालों ने पहले ही कर लिए थे। कई को मनपसंद गाड़ी नहीं मिलने पर लौटना पड़ा। धनतेरस पर करीब 500 करोड़ से अधिक का कारोबार हुआ
- अनुमानित कारोबार (करोड़ रुपये में) -
: सेक्टर - मुजफ्फरपुर
ज्वेलरी - 200
दोपहिया- 35
चार पहिया-80
फ्लैट - 30
फर्नीचर - 10
बर्तन - 20
इलेक्ट्रानिक्स होम अप्लायेंसेज : 200
मोबाइल व लैपटाप : 40
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कुल कारोबार- 650
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