
बिहार के जेलों में कैदियों को जेल कर्मियों की मिलीभगत से राजसी ठाठबाट व सुखसुविधा उपलब्ध कराने की चर्चा होती रहती है आज ये सिद्ध भी हुआ है,यह बताता है कि बिहार की जेलों में कितनी सतर्कता बरती जाती है। बिहार के मुजफ्फरपुर में खुदीराम बोस सेंट्रल जेल में औचक छापेमारी कर पुलिस ने वहां बंद तीन नक्सली कमांडरों के पास से तीन मोबाइल फोन, चार्जर और सिम कार्ड बरामद किए हैं।
शनिवार रात को छापेमारी की गई। नक्सलियों की पहचान रोहित साहनी के रूप में की गई है, जो लैंड माइंड एक्सप्लोसिव के विशेषज्ञ और अटैक विंग का कमांडर है। दो अन्य माओवादी नक्सल संगठन के जोनल कमांडर लालबाबू भास्कर और एक अन्य जोनल माओवादी कमांडर अभयानंद शर्मा हैं। तीनों के खिलाफ मुजफ्फरपुर जिले के मिठनपुरा थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी है थाने के एसएचओ भगीरथ प्रसाद ने कहा, तीन फोन नंबरों की कॉल डिटेल की जांच की जा रही है। हमारा मानना है कि नक्सली कमांडर जेल से अपने संगठन चला रहे हैं। प्रसाद ने कहा, हम इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि वे उच्च सुरक्षा वाली जेल में मोबाइल और चार्जर कैसे मैनेज कर सकते हैं।
जेल सुरक्षा प्रक्रियाओं के अनुसार, बाहर से आने वाली हर वस्तु की जेल के गेट पर सुरक्षा की तीन परतों में पूरी तरह से जांच की जाती है। पुलिस ने कहा कि सुरक्षा कर्मियों के कैदियों के साथ अवैध रूप से सांठगांठ की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। प्रसाद ने कहा, इससे पहले, हमने मुजफ्फरपुर जेल के गेट पर तैनात तीन कांस्टेबलों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। वे अब फरार हैं।
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