जब भी हमने इस दुनिया के भविष्य के बारे में सोचा है, एक चीज हमेशा हमारी कल्पनाओं का हिस्सा रही है, वह है उड़ने वाली कारें (flying cars)। आजकल कई स्टार्टअप इस दिशा में काम कर रहे हैं। हालांकि उनमें से अभी कोई इतना उपयोग में नहीं है कि जिसका इस्तेमाल किया जा सके।
लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि एशिया को जल्द ही अपना पहला हाइब्रिड फ्लाइंग कार (Hybrid Flying car) मिल सकता है, जिसे चेन्नई की एक स्टार्टअप द्वारा विकसित किया गया है। विनाटा एरोमोबिलिटी (Vinata Aeromobility) इसी महीने 5 अक्टूबर को लंदन में सबसे लोकप्रिय एविएशन एग्जिबिशन में उस पर से पर्दा उठा है।
इस व्हीकल के कॉन्सेप्ट का अनावरण करते हुए नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक बयान में कहा कि विनाटा एयरोमोबिलिटी की युवा टीम द्वारा जल्द ही एशिया की पहली कॉन्सेप्ट हाइब्रिड फ्लाइंग कार मॉडल का अनावरण कर खुशी हो रही है। इसके शुरू होने के बाद उड़ने वाली कारों का इस्तेमाल लोगों और कार्गो के परिवहन के साथ-साथ चिकित्सा आपातकालीन सेवाएं प्रदान करने के लिए किया जाएगा।
योगेश रामनाथन द्वारा स्थापित यह कंपनी चेन्नई से बाहर स्थित है। इसमें इसरो के प्रमुख अंतरिक्ष वैज्ञानिक डॉ एई मुथुनायगम उनके प्रमुख सलाहकार के रूप में शामिल हैं। साथ ही, टीम में UAM (अर्बन एयर मोबिलिटी) सलाहकार के रूप में डॉन जोल्डी, सेवानिवृत्त अमेरिकी वायु सेना कर्नल हैं, जिनके पास 28 वर्षों से अधिक का अनुभव है।
Hybrid Flying car की खूबियां
ऑटोनोमस फ्लाइंग व्हीकल अपने यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए AI का उपयोग करता है। यह अनिवार्य रूप से क्वाड-कॉप्टर के साथ ड्रोन के ऊपर एक कार जैसा दिखता है। केबिन में पैनोरमिक विंडो कैनोपी के साथ शानदार सीटिंग है, जो 360 डिग्री का दृश्य पेश करता है।
मुज.स्वीट सिटी न्यूज़
यह उड़ने वाली व्हीकल अपने coaxial quad-rotor का उपयोग करके टेक-ऑफ और लैंडिंग में सक्षम होगा। रोटार एक इलेक्ट्रिक बैटरी का उपयोग करके संचालित होंगे। इतना ही नहीं, इस फ्लाइंग कार को सड़कों पर जैव ईंधन का उपयोग करके चलाया जा सकेगा।
दिखने में यह हाइब्रिड फ्लाइंग कार एक पॉड जैसी है, जिसमें चार छोटे टायर लगे हैं। इनमें से प्रत्येक टायर के साथ एक रोटर सिस्टम जुड़ा है, जिनमें से प्रत्येक सिस्टम चार-चार ब्लेड के दो सेट से लैस है। दोनों साइड सिंगल डोर एंट्री है।
कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट से पता चलता है कि बिना यात्री के इस फ्लाइंग कार का वजन 990 किलोग्राम होगा और यह अधिकतम 1300 किलोग्राम वजन उठा सकेगी। इसके अलावा, यह मेड इन इंडिया फ्लाइंग कार बिजली के साथ-साथ बायो फ्यूल से भी चलेगी।
कार में एक बैकअप पावर भी होगा, जो पावर कट होने की स्थिति में मोटर को बिजली सप्लाई करेगा। यह 100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से उड़ सकता है और एक ही समय में दो यात्रियों को ले जा सकता है, अधिकतम उड़ान समय 60 मिनट के साथ अधिकतम 3,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है। अतिरिक्त सुरक्षा के लिए वाहन को एक इजेक्शन पैराशूट के साथ-साथ कॉकपिट के अंदर एयरबैग भी मिलते हैं।
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