मुजफ्फरपुर मे एक ऐसी ठगी जो जिले में पहले नहीं हुई थी। इसे जान लें। क्या पता इन ठगों का अगला फोन आपके मोबाइल पर आ जाए और इनके भ्रमजाल में उलझकर गाढ़ी कमाई गवां बैठें, जैसे देवरिया थाने के जौरिया में होटल चलाने वाले रंजीत कुमार मंगलवार को गवां बैठे। उपहार के लालच में ऐसे फंसे कि मोबाइल नंबर, खाता नंबर और ओटीपी देकर मात्र आधे घंटे में
1.65 लाख रुपये की वह रकम गवां बैठे, जो कार बेचने के बाद उन्हें मिली थी। अब न पुलिस कुछ कर पा रही, न ही बैंक वाले।
ठगों ने 1.65 लाख रुपये में कार खरीदी, आधे घंटे में खाता साफ
देवरिया चौक का मामला, उपहार के लालच में फंसे होटल संचालक रंजीत कुमार
19 जून को उपहार मिलने की बात कहकर ठगों ने मांगा था खाता नंबर और ओटीपी
आनलाइन कार बेचने के लिए डाली थी तस्वीर
इस ठगी की शुरुआत करीब 15 दिन पहले ही शुरू हो गई थी, जब रंजीत ने अपनी कार की बिक्री के लिए आनलाइन सेल प्लेटफार्म पर उसकी तस्वीरें डालीं। इसके तीन दिन बाद ही एक फोन आया और कार खरीदने में दिलचस्पी दिखाई गई। एक लाख 80 हजार में बात पक्की हो गई। फोन करने वाले ने 10 दिन का समय मांगा। मंगलवार को तीन व्यक्ति रंजीत के गांव देवरिया पहुंचे। कार देखने के बाद तय राशि में से एक लाख 65 हजार का भुगतान उनके एयरटेल पेमेंट बैंक के खाते में कर किशनगंज के किसी पिंटू खान के नाम से विक्रय पत्र भी बनाया गया। तीनों कार ले गए और करीब आधे घंटे बाद रंजीत के खाते से दो बार में पूरे पैसे भी निकाल लिए गए। विक्रय पत्र में लगे पिंटू के आधार कार्ड की जांच कराई गई तो वह फर्जी निकला।
ऐसे हुई ठगी
कार की तस्वीर आनलाइन सेल प्लेटफार्म पर डालने के बाद से ठग रंजीत के मोबाइल नंबर को फालो कर रहे थे। 19 जून को उनके पास फोन आया, जिसमें उपहार दिए जाने की बात कही गई। इसके लिए खाता संख्या फिर मोबाइल पर जेनरेट किया गया ओटीपी भी मांगा गया। रंजीत ठग के निर्देश मानते रहे। तब कोई निकासी नहीं हुई, लेकिन कार बेचने के बाद जैसे ही 1.65 लाख रुपये खाते में आए, ठग ने उसे निकाल लिया। रंजीत ने थाने में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस जांच भी कर रही है, लेकिन इस प्रकार की ठगी ने चिंता बढ़ा दी है। थानाध्यक्ष उदय कुमार सिंह का कहना है कि जांच की जा रही है।
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