
मुजफ्फरपुर मरीजों के परिजनों की शिकायत पर दलालाें पर अंकुश लगाने के लिए अहियापुर थाने की पुलिस टीम ने सोमवार की रात से अब तक कई बार एसकेएमसीएच परिसर मे छापेमारी की। इस दौरान एक प्राइवेट एंबुलेंस, एक लक्जरी गाड़ी और 3 बाइक जब्त की गई। मौके से पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार किया। जबकि, पटना के एक बड़े हॉस्पिटल के एंबुलेंस का चालक पुलिस को चकमा देकर गाड़ी लेकर फरार हो गया। उसकी निगरानी कर रहे गार्ड पर प्राइवेट एंबुलेंस चालकों की मिलीभगत का आरोप लगा है।
बता दें कि थानेदार विजय सिंह पुलिस टीम के साथ सिविल गाड़ी से छापेमारी के लिए पहुंचे थे। पुलिस टीम के अचानक छापेमारी करने पर एसकेएमसीएच परिसर में हड़कंप मच गया। एक दर्जन से अधिक प्राइवेट एंबुलेंस चालक थानेदार को देखते ही गाड़ी लेकर भागने लगे। थानेदार ने बताया कि एसकेएमसीएच से मरीजों को बहला-फुसला कर निजी अस्पताल ले जानेवाले दलाल और प्राइवेट एंबुलेंस चालकों पर लगाम कसने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। एसकेएमसीएच प्राचार्य के आदेश पर प्राइवेट एंबुलेंस की पार्किंग पर पूर्व से ही राेक लगाई जा चुकी है।
इसके बाद भी परिसर में प्राइवेट एंबुलेंस लग रहे हैं। प्राइवेट एंबुलेंस से ही मरीजों को जबरन निजी अस्पताल ले जाने की अक्सर शिकायत मिल रही थी। सूचना मिलते ही छापेमारी कर जब्त किया गया। कुछ पटना और स्थानीय बड़े हॉस्पिटल संचालकों का एंबुलेंस एसकेएमसीएच से मरीज लाने के लिए कुछ लोगों को दिए जाने की सूचना मिल रही है। पुलिस वैसे एंबुलेंस और मालिकों का पता लगा रही है।
यहां पर लंबे समय से चल रहा है रेफर करने का खेल मालूम हो कि एसकेएमसीएच मे रेफर का खेल लंबे समय से चल रहा है। इसमें कुछ चिकित्सकाें की भी संलिप्तता है जिन्हाेंने अपना निजी अस्पताल खोल रखा है। कुछ कर्मचारी भी संलिप्त हैं। पटना से भी प्राइवेट हॉस्पिटल के एंबुलेंस यहां आते हैं। एंबुलेंस से मरीजों को निजी अस्पताल पहुंचाने के एवज में मोटी रकम हॉस्पिटल संचालक देते हैं। प्रति मरीज कमीशन 20 से 25 हजार रुपए मिलते हैं। अधिकतर सड़क दुर्घटना या गोली से जख्मी मरीजों पर दलालों की नजर रहती है। पिछले सप्ताह पुलिस ने दो महिला दलालाें को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
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