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भुमिहार ब्राह्मन नेता बनने को क्यो मजबूर हो गये है मुजफ्फरपुर के दो पुर्व मंत्री?सुरेश कुमार शर्मा

भुमिहार ब्राह्मन नेता बनने को क्यो मजबूर हो गये है मुजफ्फरपुर के दो पुर्व मंत्री? सुरेश कुमार शर्मा पुर्व मंत्री ई.अजीत कुमार पुर्व मंत्री सुरेश शर्मा पिछले साल तक बिहार विधानसभा के सबसे धनी सदस्य रहें मुजफ्फरपुर शहरी क्षेत्र से लगातार बीजेपी के विधायक चुने जाते रहे,मंत्री पद रहते पिछला चुनाव हार गये हार से पहले अपने आपको सर्वधर्म सर्व समाज का नेता बताते थे हर पर्व त्योहार में मंदिर मस्जिद गुरुद्वारा चर्च पर लोगों को बधाई देने पहुचते रहे। लेकिन जैसे ही हार का सामना करना पड़ा उन्होंने पुर्व मंत्री अजीत कुमार के साथ भुमिहार-ब्राह्मण समाजिक फ्रंट बनाया और भुमिहार ब्रह्माण सम्मेलन करने में जुट गये सर्व समाज को छोड़कर सिर्फ भुमिहार ब्राह्मनों की बात करने लगे। यही हाल ई.अजीत कुमार का रहा पहले अजीत अपने आपको पुरे बिहार का किसान नेता बताते रहे बाद में अपनी जाति पर फोकस करते हुए जातिगत राजनीति करने लगे भड़काऊ बयानबाजी करने लगे दामोदरपुर क्षेत्र में अशांति फैलाने का उनपर आरोप लगा लगातार चुनाव हारने के बाद अब सिर्फ भुमिहार ब्राह्मणों के एकजुटता के नामपर अपने को भुमिहार ब्राह्मण का नेता सिद्ध करना ही एकमात्र काम रह गया है। इनके क्षेत्र के मतदाताओं के अनुसार जब क्षेत्रवासियों का या अपने समाज के सेवा का इनको बारंबार मौका मिला तब इन्होंने सिर्फ अपने स्वयं के विकास पर जोर दिया, कोई उल्लेखनीय कार्य नहीं किया इनके नाम पर उंगली पर गिने जाने योग्य 5 काम भी किसी को नही दिखाई दिये अब जब सन्यास लेने मार्गदर्शन मंडल में बैठने का समय आने को है तब इन्हे अपने जाति बिरादरी की सुध लेने की याद आई है।
★आप बताएं जिले के दोनो पुर्व मंत्री को जातिवादी राजनीति करने पर क्यों मजबूर होना पड़ा है?