मुजफ्फरपुर, जिला कृषि पदाधिकारी (डीएओ) शिलाजीत सिंह ने अपने ही विभाग के दो कर्मचरियों को बड़ा घोटालाबाज करार दिया है। डीएम प्रणव कुमार को पत्र लिखकर उन्होंने कहा कि दो कृषि समन्वयक मुरारी प्रसाद शाही और संतोष कुमार झा की योजनाओं की जांच कराई जाए तो प्रत्येक में घोटाला और भ्रष्टाचार सामने आएगा। अपनी बातों के समर्थन में उन्होंने डीएम को 210 पेज की रिपोर्ट सौंपी है। अपने ही मातहत को घोटालेबाज करार दिए जाने के पीछे की कहानी यह है कि डीएओ पर उर्वरक वितरण में गड़बड़ी करने समेत
कई आरोप लगाए गए थे। इस मामले में रिपोर्ट मांगे जाने पर ही डीएओ ने विभाग में भ्रष्टाचार और घोटाले की जानकारी डीएम को दी।
जांच टीम को दी जाती धमकी
डीएओ ने कहा, दोनों कृषि समन्वयक गायघाट में पदस्थापित हैं। वे पहले कटरा में थे। दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार, अवैध वसूली समेत शिकायतें मुखिया से लेकर विधायक के स्तर से आती रहीं। इसकी जांच करने जिला स्तर की टीम जाती है तो उसे डराया
धमकाया जाता है। इससे जांच नहीं हो पाती।
प्रारंभिक जांच में बड़ी गड़बड़ी
गायघाट प्रखंड की जलालपुर कोदई पंचायत में कृषि इनपुट योजना की जांच में यह बात सामने आई कि आवेदन के समय ही प्रत्येक किसान से पांच सौ रुपये लिए गए। कुछ किसानों से इससे भी अधिक राशि ली गई। सहायक निदेशक पौधा संरक्षण कार्यालय से जारी रिपोर्ट के अनुसार जांच के लिए जाते समय रास्ते को अवरुद्ध करा दिया गया था।
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