मुजफ्फरपुर :- बिहार की दो महत्वपूर्ण सड़क परियोजनाएं नीति निर्धारण नहीं होने की वजह से आकार नहीं ले पा रहीं। राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकार (एनएचएआइ) इन दोनों सड़कों के लिए जमीन अधिग्रहण की अनुमति नहीं दे रहा। मुजफ्फरपुर-बरौनी एवं मोकामा-मुंगेर सड़क को फोरलेन में विकसित किए जाने का निर्णय पूर्व में हो चुका है।
एनएचएआइ ने इन दोनों परियोजनाओं के लिए विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है। दोनों परियोजनाओं के एलायनमेंट पर भी राज्य सरकार की सहमति है। मुजफ्फरपुर-बरौनी सड़क 116.23 किमी लंबी है और इसकी कुल परियोजना लागत 3337 करोड़ रुपए है। वहीं मोकामा-मुंगेर सड़क 96 किमी लंबी है और इसकी कुल लागत 4286 करोड़ रुपये है।
बीओटी को लेकर नहीं है नीति
इन दोनों सड़कों बिल्ट आपरेट एंड ट्रांसफर (बीओटी) मोड में कराया जाना है। इसके तहत निर्माण एजेंसी अपने खर्च पर सड़क का निर्माण कराएगी और एक तय अवधि तक टोल टैक्स वसूलेगी। इसके तहत मुजफ्फरपुर-बरौनी सड़क पर 2033 तक तथा मुंगेर-मोकामा सड़क पर 2028 तक टोल टैक्स की वसूली होनी है। संकट यह है कि बीओटी मोड में बनी सड़कों के लिए एनएचएआइ के पास कोई बायबैक पालिसी
अभी तक नहीं है। बायबैक पालिसी के तहत यह प्रविधान है कि टोल अवधि के बीच में ही निर्माण एजेंसी को शेष राशि देकर एनएचएआइ सड़क को अपने स्वामित्व में ले सकता है। बीओटी मोड में यह भी होता है कि निर्माण एजेंसी तय अवधि के बाद भी यह कहकर टोल वसूलती है कि उसकी लागत अभी नहीं निकली है। ऐसे में मामला फंस जाता है।
जमीन अधिग्रहण को अनुमति नहीं
बायबैक पालिसी की वजह से अभी विधिवत रूप से इन दोनों सड़कों के लिए जमीन अधिग्रहण को अनुमति नहीं मिली है। वैसे संभावना है कि मोकामा-मुंगेर सड़क का मामला कुछ अलग शर्तों के साथ आगे बढ़ सकता है।
コメント