मुजफ्फरपुर में बागमती परियोजना में जमीन अधिग्रहण की मुआवजा राशि में बड़ा फर्जीवाड़ा किया गया। औराई के सौ से अधिक लोगों ने करोड़ों रुपये फर्जी तरीके से ले लिए।
इसमें विशेष भू-अर्जन कार्यालय के पदाधिकारी व कर्मचारियों की भी मिलीभगत थी। जांच में गड़बड़ी किए जाने की पुष्टि होने के बाद इनलोगों से राशि वसूली की कार्रवाई की जा रही है। 117 लोगों पर नीलामपत्र वाद दायर किया गया है। इनसे छह करोड़ से अधिक की राशि वसूल की जाएगी।
मालूम हो कि बागमती परियोजना के लिए जमीन का अधिग्रहण किया गया था। बड़ी संख्या में लोगों ने एक ही मकान पर कई बार मकानमय सहन की मुआवजा राशि ले ली। कई ने दूसरे की जमीन पर मुआवजा ले लिया। इसमें विशेष भू-अर्जन कार्यालय के पदाधिकारी और कर्मचारियों की भी संलिप्तता थी। ऐसा इसलिए कि सरकार की स्वीकृति के बिना भी गलत तरीके से मुआवजा राशि दे दी गई। इस कारण करीब एक दर्जन कर्मचारी बर्खास्त भी किए गए। मामले की वर्ष 2016 में सदर थाने में तत्कालीन विशेष भू-अर्जन पदाधिकारी ने प्राथमिकी भी दर्ज कराई। साथ ही तीन सदस्यीय समिति से मामले की जांच कराई गई। इसमें बड़े फर्जीवाड़ा की पुष्टि हुई। गलत तरीके से राशि लेने वालों पर वर्ष 2019-20 में सर्टिफिकेट केस किया गया। अब नीलामपत्र वाद की कार्रवाई करते हुए राशि वसूली की जा रही है।
1 घोटालेबाज से एक करोड़ 80 लाख रुपये तक की होगी वसूली
जिला नीलामपत्र वाद प्रशाखा को मिली सूची के अनुसार 117 लोगों से तीन हजार से सवा करोड़ रुपये तक की वसूली की जाएगी। सबसे अधिक राशि सचेंद्र शर्मा से वसूल की जानी है। एक मामले में सवा करोड़ व दूसरे में 54,97,859 रुपये यानी 1 करोड़ 80 लाख वसूल किए जाएंगे। राघवेंद्र शर्मा से 69,75,360 रुपये की वसूली होगी। 64,09,872 रुपये की वसूली अहलाद शर्मा से की जानी है। 26,20,800 रुपये जितेंद्र कुमार शर्मा व शैलेंद्र प्रसाद राय से 20,16,000 रुपये की वसूली होगी। इसके अलावा सतेंद्र शर्मा से 15,16,060 रुपये की वसूली की जाएगी। बड़ी राशि जिन लोगों से वसूल की जाएगी उनमें इंदू देवी से 9,99,693, संजय कुमार शाही से 7,71,429, विनय भूषण सिंह से 7,56,891, अवधेश झा से 7,21,278, राम नरेश सिंह से 7,12,005, मंजूर अली से 7,13,389, शिव शंकर प्रसाद सिंह से 6,28,883 रुपये की वसूली की जानी है। पांच लाख से अधिक की राशि भी कई लोगों से वसूल की जानी है। 3,077 रुपये भी कुछ लोगों से वसूल करने हैैं। यह सबसे कम राशि है।
देर सही फैसला दुरूस्त होनी