बॉलीवुड के म्यूजिक डायरेक्टर बप्पी लहरी का मंगलवार रात 11 बजे 69 साल की उम्र में निधन हो गया है। उन्होंने मुंबई के जुहू स्थित क्रिटी केयर हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली। बताया जा रहा है कि उन्हें तबीयत खराब होने के बाद मंगलवार को ही भर्ती किया गया था।
बप्पी दा पिछले साल कोविड पॉजिटिव हो गए थे। इसके बाद उन्हें मुंबई के ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया था। म्यूजिक इंडस्ट्री में बप्पी लहरी को डिस्को किंग कहा जाता था। उनका असली नाम अलोकेश लाहिड़ी था। बप्पी लहरी म्यूजिक के साथ-साथ सोना पहनने के अंदाज को लेकर भी जाने जाते थे।
बप्पी का करियर बप्पी का जन्म 27 नवंबर 1952 को कोलकत्ता में हुआ था। उन्होंने अपने अलग अंदाज की वजह से फिल्म इंडस्ट्री में अलग पहचान बनाई थी। बप्पी का इंडस्ट्री में 48 साल का करियर था। उन्होंने अपने करियर में तकरीबन 5,000 गाने कंपोज किए। इसमें उन्होंने हिंदी, बंगाली, तमिल, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़, गुजराती, मराठी, पंजाबी, उड़िया, भोजपुरी, आसमी भाषाओं के साथ-साथ बांग्लादेश की फिल्मों और अंग्रेजी गानों को भी कंपोज किया था।
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बचपन से बप्पी के खून में म्यूजिक दौड़ता था और तीन साल की उम्र से ही उन्होंने तबला बजाना सीख लिया था। बप्पी को डिस्को सॉन्ग का बादशाह कहा जाए तो गलत नहीं होगा। फिल्म इंडस्ट्री में सभी बेहतरीन म्यूजिक कम्पोजर बप्पी दा की प्रतिभा के कायल थे।
कभी छोड़ना चाहते थे म्यूजिक इंडस्ट्री एक बार बप्पी बोले थे, 'किशोर दा को मैं 'किशोर मामा' कहता था, उनके साथ बहुत सारी फिल्मों में गाने गाए, लेकिन उनकी मृत्यु के बाद मुझे लगा की मुझे म्यूजिक का काम बंद कर देना चाहिए। 1987 में किशोर दा के जाने के बाद काम में बिल्कुल भी मन नहीं लगता था। फिर डैडी ने मुझे कहा कि किशोर मामा का आशीर्वाद तुम्हारे साथ हमेशा रहेगा, काम मत छोड़ो। तब 1991 में शब्बीर कुमार ने मेरा गाना 'गोरी हैं कलाइयां' गाया और वो सुपरहिट हुआ। फिर कुमार सानू ने 'जिंदगी एक जुआ' में मेरे लिए गाना गाया।'
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