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  • Ali Haider

कैसा रहा आज मुख्यमंत्री का मुजफ्फरपुर कार्यक्रम क्यों फिर बमक गये नीतीश जानिये विस्तार से...


मुजफ्फरपुर: शराब पीना हमारा मौलिक अधिकार नहीं है। इसका सेवन करने से लोग बीमारी होते है और उनकी मौत तक हो जाती है। ऐसे में राज्य में शराब पीने और बेचने वालों के घर जीविका दीदी प्रदर्शन करें। उनका सरे बाज़ार जुलूस निकालें। उक्त बातें सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुजफ्फरपुर के MIT कॉलेज में समाज सुधार अभियान के दौरान अपने संबोधन में कही। CM आज मुजफ्फरपुर में हैं।


उन्होंने मंच से जीविका दीदी और उनके कार्यों की जमकर तारीफ की और धन्यवाद दिया।

CM ने कहा कि संबोधित करते हुए कहा कि समाज में अच्छे और बुरे दोनों तरह के लोग रहते हैं। लेकिन गड़बड़ करने वाले को छोड़े नहीं। उसके घर के आगे प्रदर्शन करें। उस गांव में जुलूस निकालकर उसका विरोध करें। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि शराबबंदी के खिलाफ महात्मा गांधी भी थे। वह कहा करते थे कि शराब पैसे के साथ ही आपका बुद्धि खराब कर देता है।

मुख्यमंत्री ने शराब की बुराइयों को गिनाया और WHO का डाटा को सामने रखा। जिसमें शराब के कारण होने वाली मौत का जिक्र है।


दहेज लोभियों का करें बहिष्कार

इसके साथ ही उन्होंने अपील किया कि जो लोग शादी में दहेज नहीं लेते उनके शादी में ही जाएं। दहेज लोभियों का बहिष्कार करें। दहेज के खिलाफ कानून तो बना हुआ है लेकिन जब तक सामाजिक बहिष्कार नहीं होगा तब तक कानून तो अपने हिसाब से काम करेगा ही। इसी तरह से शराबबंदी को लेकर भी जन जागरूकता चलाएं। सब लोग मिलकर काम करें। प्रशासन, सरकार आपके साथ है।



लड़कियों को साइकिल देने पर उड़ाया था मज़ाक

मंच ने CM ने शुरुआती दिनों को याद करते हुए कहा कि जब हमने लड़कियों को साइकिल देना शुरू किया था। लोगों ने मज़ाक उड़ाया था। कहा था कि लड़की साइकिल लेकर निकलेगी तो उसके साथ लोग बदमाशी करेंगे। हमने भी कह दिया कि मजाल नहीं है किसी की कोई बदमाशी करे। कुछ ही दिनों में ये अभियान सफल हुआ। तब लड़कों ने भी कहा कि हमे भी साइकिल दीजिये। हमने उन्हें भी साइकिल दिया।




1 करोड़ 27 लाख का बना समूह

CM ने जीविका के बारे में बताया कि हमारा लक्ष्य 10 लाख जीविका समूह बनाने का था। आज 1 करोड़ 27 लाख समूह बन गया है। हर क्षेत्र में जीविका दीदी काम कर रही है। उन्होंने कहा कि कर्पूरी ठाकुर ने एक बार शराबबंदी को लागू किया था। लेकिन, यह असफल हो गया।

हमने जब 2011 से इस अभियान की शुरुआत की थी तो मन मे शंका थी। यही सब सोचते हुए 2016 आ गया। उस दौरान जीविका दीदी के साथ मीटिंग में थे। जब संबोधन कर लौट तो उन्हीं में से एक ने शराबबंदी की मांग कर दी। देखते-देखते सब ने सुर में सुर मिलाना शुरू कर दिया। यही से ताकत मिली और शराबबंदी को लागू कर दिया।

इसी बीच सीएम की सभा के दौरान हंगामा हो गया। हंगामा करने वालों पर सीएम बमक गए और कहा- कि'' अगर समाज सुधार से नफरत है, तो यहां मत आइए। ये मीडिया वाले कहां जा रहे हैं। '' बाद में एसएसपी ने हंगामा शांत कराया।

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