यूक्रेन पढ़ने गए मुजफ्फरपुर जिले के अबतक ज्ञात 44 में से 11 छात्रों से जिला प्रशासन का संपर्क नहीं हो पाया है। जिन छात्रों से जिला प्रशासन का संपर्क नहीं हो पा रहा है, उनमें बंदरा के पिलखी निवासी दिलीप चौधरी, बोचहां के पटियासा जयलाल निवासी विपिन कोइराला, मुशहरी के आमगोला निवासी विकास कुमार सिंह, मीनापुर के कोइली निवासी मनीष कुमार, मुशहरी के भगवानपुर स्थित भाभा नगर निवासी इप्सित आर्यक, मोतीपुर के साकिब, मुशहरी के अखाड़ाघाट निवासी सिंह अंकित कुमार, गायघाट के गोटोली जारंग निवासी सिंह सौरभ कुमार, मुशहरी की बीबीगंज निवासी सृष्टि सिंह, मुशहरी के ही कृष्णा नगर गोबरसही निवासी भावादित्य वत्स के नाम शामिल हैं। पारू थाना के कोरिया निजामत निवासी अमित कुमार से पहले संपर्क नहीं हो रहा था, लेकिन बाद में परिजनों से संपर्क हो गया। इनके अलावा बाकी 32 छात्रों से जिला प्रशासन का संपर्क हो पाया है। इनमें से अधिकांश रोमानिया से निकल चुके हैं तो कुछ छात्रों ने पोलैंड के अलावा शेल्टर होम में शरण ली है। इनमें से कई छात्र छात्राओं के परिजन मुजफ्फरपुर जिलाधिकारी से मिलकर बच्चों के सुरक्षित वापसी की गुहार लगा चुके हैं।
जिला प्रशासन ने स्थापित किया कंट्रोल रूम :
बच्चों के यूक्रेन में फंसे होने और जिलाधिकारी सहित अन्य पदाधिकारी से परिजनों द्वारा जानकारी मांगे जाने की सूचना पर जिला प्रशासन ने बुधवार को जिलास्तरीय एक कंट्रोल रूम (फोन नं. - 0621 2212007) स्थापित किया है। सुबह नौ बजे से शाम छह बजे तक पदाधिकारी की तैनाती की गई है, जो परिजनों के सवाल और उनकी जानकारी को जिला प्रशासन से साझा करेंगे। उनके बच्चों की अद्यतन स्थित को भी बताएंगे।
44 में से 11 से नहीं हो सका संपर्क
जिला प्रशासन की ओर से जारी सूची में बताया गया है कि मुख्यालय व जिलास्तर पर मिले डाटा के आधार पर 11 छात्रों से संपर्क नहीं हो सका है। हालांकि, जिला प्रशासन इनके परिजनों के संपर्क में है। जिला प्रशासन को परिजनों ने जो नंबर उपलब्ध कराए थे, वह सत्यापन के दौरान बंद मिले। नेटवर्क के बाहर बताए गए। पुन: गुरुवार को इन सभी से संपर्क किया जाएगा। आपदा विभाग के प्रभारी एडीएम राजेश कुमार ने बताया कि परिजनों के संपर्क में छात्र हैं, लेकिन जब जिला प्रशासन की ओर से उनसे संपर्क करने की कोशिश की गई, तब उनसे संपर्क नहीं हो सका है।
इसका कारण बिजली की अनुपलब्धता,मोबाइल चार्ज नहीं हो पाना बंकरो बेसमेंट आदि में नेटवर्क की समस्या हो सकती है परिवार के लोग बच्चों के भूखे प्यासे होने की बात कह रहे है क्योंकि युक्रेन में सभी स्टोर खाली होने की जानकारी मिली शुरुआत मे ही मिली थी।
बच्चों के परिवार के लोग आशंकाओं से घिरे है बच्चों की असहनीय तकलीफों की चिंता से सभी अत्यधिक दुखी है लेकिन उनके पास इंतजार के सिवा कोई रास्ता दिख नहीं रहा है
वर्तमान स्थिति मे रोजाना 100-150 बच्चे ही सरकार वापस ला पा रही है जबकि वहां फंसे छात्रों की संख्या 15-20 हजार बताया जा रहा है सोंचा जा सकता है समस्या कितनी गंभीर है।
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