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  • Ali Haider

दूध के धुले नही दिनेश सिंह भी है भू माफिया, हत्या और खतरनाक हथियारों के साथ दंगा फसाद के संगीन आरोप


मुजफ्फरपुर: जिले से NDA के प्रत्याशी बनाए गए निवर्तमान विधान पार्षद दिनेश सिंह से एक करोड़ रंगदारी मांगे जाने की शिकायत से पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन के कान खड़े हैं। क्योंकि इस बार दिनेश सिंह के खिलाफ आरजेडी ने बाहुबली शंभू सिंह को सिंबल दिया है । ऐसे में यह अंदाजा लगाना भी मुश्किल नहीं है कि कांटे की भिड़ंत होने की संभावना है । इस कारण चुनावी बिसात पर अभी से ही शह और मात के मोहरे बिछाए जा रहे हैं। लेकिन आप ये भी जान लीजिए कि दिनेश प्रसाद सिंह के दिए हलफनामे के ही मुताबिक वो खुद भी कई संगीन मामलों के आरोपी हैं, जिनमें हत्या और दंगा-फसाद तक शामिल हैं।


दिनेश प्रसाद सिंह पर दर्ज मामले


जेडीयू के विधानपरिषद चुनाव 2022 उम्मीदवार दिनेश प्रसाद सिंह पर एक या दो नहीं बल्कि 8 गंभीर मुकदमे दर्ज हैं। पहले इन मुकदमों की लिस्ट देख लीजिए।

धारा- 302 हत्या का मुकमा

धारा 147- दंगा फसाद का मुकदमा

धारा 148- खतरनाक हथियार के साथ फसाद का मुकदमा

धारा 120 B- आपराधिक साजिश का मुकदमा

धारा 149, 448, 108 और 34

जानिए दिनेश प्रसाद सिंह की हर डिटेल

गुजरे डेढ़ दशक में दिनेश सिंह ने एक जनप्रतिनिधि के रूप में चाहे जो भी मुकाम हासिल किया हो लेकिन उनकी छवि आज भी एक दबंग की ही है। चाहे विधान परिषद का चुनाव हो, जिला परिषद और नगर निगम का चुनाव हो, कहा जाता है कि उन्होंने अपने चहेते को कुर्सी दिलाने में अहम रोल अदा किया। यही नहीं उनकी पहचान बतौर भू-माफिया की भी है।


दिनेश सिंह पर संगीन आरोप


मुजफ्फरपुर केशहरी क्षेत्र में कई मुख्य भूखंडों पर कब्जा जमाने में उनकी दबंगई सामने आई और उनके खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज की गई थी। इसके अलावा शहर के कई बड़े कांडों जैसे पूर्व मेयर समीर हत्याकांड में भी दिनेश प्रसाद सिंह का नाम उछला, हालांकि इन मामलों में उनके ऊपर कोई केस दर्ज नहीं किया गया। अब तो लोगों में ये चर्चा भी है कि कहीं रंगदारी का ये मामला चुनावी रंग में तो नहीं रंगा। दबी जुबान से ये चर्चा भी आम है कि आखिर कौन है जिसने एक बाहुबली से ही रंगदारी मांगने की हिमाकत कर दी।


दिनेश सिंह का पॉलिटिकल करियर


जहां तक दिनेश सिंह का सवाल है, शुरूआत में उनका धंधा मोटर ट्रांसपोर्ट से जुड़ा था और ठेकेदारी के क्षेत्र में भी उन्होंने कदम बढ़ाया था। यह तब की बात है जब वो आनंद मोहन की पार्टी बिहार पीपुल पार्टी के नेता बने चुनाव भी लड़ा, लेकिन तब हार झेलनी पड़ी थी। बाद में दिनेश प्रसाद सिंह केंद्रीय ग्रामीण एवं विकास मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह के सानिध्य में आ गए और राजनीति में तेजी से कदम बढ़ाया। सबसे पहले दिनेश सिंह ने जिला परिषद अध्यक्ष पद पर अपनी पत्नी वीणा सिंह को स्थापित कराया। लेकिन इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में उनकी पत्नी वीणा सिंह को LJP से टिकट मिला और उन्होंने रघुवंश प्रसाद सिंह को ही हराया।


2020 में JDU के ही खिलाफ गए दिनेश सिंह


2020 के विधानसभा चुनाव में दिनेश सिंह ने पार्टी के

खिलाफ जा कर गायघाट से जेडीयू प्रत्याशी महेश्वर यादव के खिलाफ अपनी बेटी कोमल सिंह को ही चुनाव मैदान में उतार दिया। कोमल सिंह ने एलजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा और हार गईं। इसको लेकर दिनेश सिंह का JDU में विरोध हुआ और उनसे सफाई तक मांगी गई यहां तक की 6 साल के लिये जेडीयू से निष्कासित कर दिया गया। लेकिन फिर भी 2022 के विधानपरिषद चुनाव में JDU ने उन्हें ही उम्मीदवार बनाया है।

राजनीतिक गलियारों में दिनेश सिंह के समर्थक प्रतिद्वंद्वी राजद उम्मीदवार शंभू शंकर सिंह को बाहूबली दबंग बताया जा रहा है तो अनजान लोगों को भी दिनेश सिंह के बारे में भी जान लेना चाहिये।

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