कहते है की अगर आप किसी चीज को शिद्दत से चाहो तो हर जिद्दी अभिमानी का घमंड तोड़ सकते है लगता है ऐसा ही मुजफ्फरपुर के लोगो ने कर के दिखाने की ठान रखी है और हो भी क्यों नहीं जब मामला अपने जन्मभूमि और अस्तित्व से जुड़ जाये तो पहाड़ का सीना भी चीर दिया जाना संभव है।
मुजफ्फरपुर : पटना हाईकोर्ट के आदेश पर गठित पदाधिकारियों की टीम मुजफ्फरपुर एयरपोर्ट की जमीन के चप्पे चप्पे की पैमाईश कर रही है।सोमवार को 12 सदस्यों की टीम ने अपना काम शुरू किया और आज दुसरे दिन भी गहनता से अलग अलग कई टीम डाटा ईकट्ठा कर रही है।वरीय उप समाहर्ता सारंगमणी पाण्डे इस कार्य का नेतृत्व कर रहे है उन्होंने बताया की हाईकोर्ट के आदेश पर एक विस्तृत सर्वे रिपोर्ट जमा करनी है पूरे मुजफ्फरपुर एयरपोर्ट परिसर का आंकड़ा ईकट्ठा करने मे अभी 2-4 दिन का समय लगेगा।आपको बता दे की हाईकोर्ट ने बिहार सरकार को पूछा है की मुजफ्फरपुर एयरपोर्ट से अब तक क्यों उड़ान शुरू नहीं किया गया है?
साध ही हाईकोर्ट ने सरकार को मुजफ्फरपुर के पताही स्थित एयरपोर्ट की एक एक जानकारी अगली सूनवाई पर जमा करने को भी कहा है।मुजफ्फरपुर एयरपोर्ट से फ्लाइट शुरू करने के कारण का आकलन कर के उड़ान सुनिश्चित करने के लिये दायर याचिका पर कारवाई चल रही है। बिहार सरकार द्वारा पहले किये सर्वे मे बड़ी फ्लाइट्स के लिये जरूरी 475 एकड़ जमीन अधिग्रहण की बात बताई गई थी जिसका खर्च लखभग 60-70 अरब बताया गया था।
बिहार सरकार के उदासीन रवैये क्षुब्ध होकर मुजफ्फरपुर के जनप्रतिनिधियों ने फिल्हाल मछोले और 65 सीटर उड़ान की अनुमति दिये जाने की पुरजोर मांग रखी थी उसके बात केद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुजफ्फरपुर के महत्व और उपयोगिता को देखते हुएं और यात्रियों की अनुमानित संख्या के अनुसार मुख्यमंत्री को स्वयं पत्रकार किया और मुजफ्फरपुर एयरपोर्ट से बड़े प्लेन के उड़ान के लिये 475 एकड़ जमीन यथाशीघ्र अधिग्रहित करने का अनुरोध किया था लेकिन नीतीश सरकार ने अबतक अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी है। अब हाईकोर्ट द्वारा लाखो लोगो के उम्मीद से जुड़े इस महत्वपूर्ण मामले की सुनवाई करने से पूरे उत्तर बिहार के लोगों मे फिर उम्मीद जगी है।
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