top of page
ei1WQ9V34771.jpg
  • Ali Haider

फर्जी डिग्री में मुजफ्फरपुर के बीआरए बिहार विवि के परीक्षा नियंत्रक और सहायक पर गैर जमानती वारंट


मुजफ्फरपुर, बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के नाम पर पंजाब के गुरदासपुर में पकड़ी गई फर्जी डिग्री मामले में विवि के परीक्षा नियंत्रक और सहायक के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुआ है। शुक्रवार को गुरुदासपुर की पुलिस इसे लेकर विवि पहुंची। इसमें कहा गया है कि छह अप्रैल को सुबह 10 बजे गुरदासपुर के प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी जसविंदर पाल के समक्ष पेश होंगे। कोर्ट में अमरिंदर सिंह नाम के व्यक्ति ने बीआरए बिहार विश्वविद्यालय की बीसीए की डिग्री पंजाब में रोजगार के दौरान प्रस्तुत की गई। उसे सत्यापन के लिए बीआरए बिहार विवि को भेजा गया। विवि ने अपने रिकार्ड से मिलान करने के बाद उसे फर्जी करार दिया। मामले को लेकर 23 नवंबर को भी पंजाब पुलिस पहुंची थी। उस समय परीक्षा नियंत्रक को 25 नवंबर को वीडियो कान्फ्रेंसिग के माध्यम से पंजाब के कोर्ट में अपना पक्ष रखने को कहा गया था, लेकिन विवि की ओर से पक्ष नहीं रखा गया। इसके बाद 23 फरवरी को पंजाब से परीक्षा नियंत्रक और सहायक के खिलाफ वारंट जारी किया गया। विवि में पुलिस वारंट लेकर पहुंची तो

पदाधिकारी सकते में आ गए। पुलिस ने परीक्षा नियंत्रक और कुलसचिव से मुलाकात कर वस्तु स्थिति से अवगत कराया। अधिकारियों की ओर से वार्ता के बाद विवि के ला पदाधिकारी मयंक कपिला को मामले से जुड़े तमाम दस्तावेज के साथ पंजाब जाने के लिए विवि प्रतिनिधि के रूप में अधिकृत किया गया है। मनमोहन सिंह से खरीदी थी डिग्री : बताया जाता है कि फर्जी डिग्री मामले में पकड़े गए अमरिंदर सिंह ने मनमोहन सिंह नाम के व्यक्ति से डिग्री खरीदी थी। पंजाब में मनमोहन इससे पूर्व में भी बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के नाम पर फर्जी डिग्री बेचता था। इससे पहले भी उसका नाम डिग्री खरीद के मामले में आया था। बताते हैं कि बीसीए की डिग्री के लिए 25 हजार रुपये लिए थे। इसमें विवि के कर्मियों की भी मिलीभगत की बात सामने आ रही है।





0 comments
bottom of page