मुजफ्फरपुर जंक्शन को विश्वस्तरीय बनाने को लेकर रेल भूमि प्राधिकार की ओर से बनाये गये प्रपोजल व डिजाइन को रेलमंत्री अश्वनी वैष्णव ने खारिज कर दिया है. खारिज करने के कारण में बताया गया है कि मुजफ्फरपुर स्टेशन इस योजना के शुरुआत मे ही चुना जाने वाला सबसे महत्वपूर्ण और बिहार का प्रमुख सिटी स्टेशन है, जो प्रपोजल आरएलडीए ने भेजा है, वह काफी नहीं है. रेलमंत्री ने फिर से नया प्रपोजल व डिजाइन तैयार करने को कहा है.
स्टेशन का जायजा लेने पहुंची टीम
इस सुझाव के बाद रविवार को आरएलडीए के दर्जन भर अधिकारी व इंजीनियरों की टीम पहुंची और स्टेशन का जायजा लिया. टीम में स्टेशन डायरेक्टर मनोज कुमार, स्टेशन अधीक्षक सुधीर कुमार सिंह व इंजीनियरिंग विभाग के कर्मी शामिल थे. बताते चले कि पुराने प्रपोजल को सोनपुर मंडल व हाजीपुर जोन से स्वीकृति मिल गयी थी.
प्रपोजल को फिर से संशोधन करने का निर्देश
जिला प्रशासन के साथ भी आरएलडीए की बैठक कर प्रपोजल पर सहमति की मुहर लगा दी थी.अंतिम स्वीकृति के लिए रेलवे बोर्ड और रेलमंत्री के पास अनुमोदन के लिए भेजा गया था. इसके बाद रेलमंत्री ने उतर बिहार का सबसे बड़ा स्टेशन होने को लेकर आरएलडीए के प्रपोजल को फिर से संशोधन करने का निर्देश दिया.
120 मीटर लंबा होगा कॉनकॉर्न
रेलमंत्री के सुझाव पर अब आरएलडीए की टीम ने रविवार को पुन निरीक्षण कर नया खाका तैयार किया. जिसमें 30 मीटर के बदले अब 120 मीटर लंबा कॉनकॉर्न,एक नंबर प्लेटफॉर्म की लंबाई चंद्रलोक गुमटी की ओर 90 मीटर बढ़ाने का सुझाव है.
रि-डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत बनने वाले कॉनकॉर्न में मुजफ्फरपुर जंक्शन का कॉनकॉर्न सबसे बड़ा होगा. इसके लिए पहले चरण में रिजर्वेशन काउंटर से लेकर एएसएम काउंटर तक के वर्तमान बिल्डिंग को तोड़ कर कॉनकॉर्न बनेगा.
दूसरे फेज का काम
दूसरे फेज में रेल थाना से आगे एइएन कार्यालय तक तोड़कर मल्टी स्टोरीज पार्किंग व अन्य बिल्डिंग बनेगी. सर्कुलेटिंग एरिया में बस पार्किंग के साथ एलिवेटेड रोड का निर्माण रेल थाना के नए बिल्डिंग से मालगोदाम तक किया जाएगा. दक्षिणी छोर को विकसित करने के लिए कई काम होंगे.
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