
मुजफ्फरपुर // अब जिन कंपनियों की नई बनाई गई दवाओं की आपूर्ति बाजार में की जा रही हैं, उनकी कीमत में 10 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। सारी आवश्यक दवाएं महंगी होने से मरीजों की जेबे हल्की होगी। दवा के एमआरपी में मूल्य बढ़े हुए आ रहे हैं। ज्यादातर लोग बीपी, मधुमेह, टीबी और हृदय रोग से लोग पीडि़त हैं। इन दवाओं की कीमत में भी बढ़ोतरी हुई है। जिन पर सरकार का कंट्रोल नहीं है। जिला
केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि 25 फीसद कंपनियों द्वारा अप्रैल में मैनुफैक्चर की गई दवाओं की कीमत में बढ़ोतरी की गई है। बाजार में दो दिन पहले से आपूर्ति की जाने वाली दवाओं के मृल्य में बढ़ोतरी हुई है। अभी 75 फीसद दवा कंपनियों की नई दवाएं आनी बाकी हैं। खासकर उन

दवाओं की कीमते बढ़ाई गई है, जिनकी कीमत पर सरकार का कंट्रोल नहीं है। इंसुलिन भी महंगी हुई है साथ ही मधुमेह को कंट्रोल के लिए दी जाने वाली सारी दवाएं महंगी हुईं। इसके अलावा बीपी, दमा और हृदय रोग की दवाओं की कीमतों में भी इजाफा हुआ है।
दवा के नाम पहले मूल्य वर्तमान मूल्य
वी टोटल 110 रु 136 रु
पैन 170 रु 15 टेबलेट 190
पारासीटामोल 28 रु 30 टेबलेट 31 रु
लिव 52 135 रु 150 रु
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