
पटना हाई कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण आदेश में राज्य सरकार द्वारा 16 चक्के वाले ट्रक के जरिये गिट्टी-बालू आदि के ढुलाई पर लगाए गए प्रतिबंध को रद्द कर दिया। मुख्य न्यायाधीश संजय करोल एवं न्यायाधीश एस कुमार की खंडपीठ ने बिहार ट्रक आनर एसोसिएशन व अन्य की याचिकाओं पर

सुनवाई पूरी कर सात अप्रैल को फैसला सुरक्षित रखा लिया था, जिसे सोमवार को सुनाया गया। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में सरकार को निर्देश दिया कि वह वाहनों की ओवर लोडिंग पर अंकुश लगाए। गौरतलब है कि बिहार सरकार ने साल 2020 के 16 दिसंबर को एक अधिसूचना जारी कर इन वाहनों द्वारा गिट्टी-बालू ढुलाई पर रोक लगा दी थी। सरकार के ट्रकों पर गिट्टी-बालू ढोने के आदेश पर लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ याचिकाकर्ताओं ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। उच्च न्यायालय ने विगत तीन जनवरी को इस मामलें

की सुनवाई करते हुए इसे वापस पटना हाईकोर्ट के समक्ष भेज दिया था। शीर्ष न्यायालय ने पटना हाईकोर्ट को आठ सप्ताह के भीतर सुनवाई कर मामले का निपटारा करने को कहा था। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार समेत अन्य संबंधित सभी पक्षों को अपना-अपना पक्ष लिखित तौर पर कोर्ट के समक्ष दायर करने का निर्देश दिया था। ऐसे में सोमवार को पटना हाई कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा 16 चक्के वाले ट्रक के जरिये गिट्टी-बालू आदि के ढुलाई पर लगाए गए प्रतिबंध को रद्द कर दिया। हालांकि अपने आदेश में हाईकोर्ट ने बिहार सरकार को निर्देश दिया है कि वह वाहनों की ओवरलोडिंग पर अंकुश लगाए। यानी गिट्टी-बाली की ढुलाई के दौरान तय मानक का विशेष ख्याल रखा जाए। बता दें कि बिहार सरकार के आदेश के बाद मामले को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष उठाया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई इसी साल तीन जनवरी को की थी। मगर सुनवाई करते हुए मामले को पटना हाईकोर्ट के समक्ष भेज दिया था। उच्च न्यायालय ने पटना हाईकोर्ट को आठ सप्ताह के अंदर मामले के निपटारे के लिए कहा था।
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