top of page
ei1WQ9V34771.jpg
  • Ali Haider

तीस हजार+ डीएल पेंडिंग मुजफ्फरपुर में ड्राइविंग लाइसेंस के लिये डीटीओ का चक्कर सिस्टम बना नासूर


मुजफ्फरपुर DTO में सितंबर 21 से फरवरी 22 तक के करीब 30 हजार से अधिक डीएल का अब भी नहीं हुआ प्रिंटिंग। आवेदन करने वाले को लाइसेंस के लिए अभी और लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। फिलहाल पेंडिंग की पीड़ा वाहन मालिकों को और झेलनी होगी। परिवहन विभाग की लापरवाही से वाहन मालिकों के लिए ड्राइविंग लाइसेंस एक त्रासदी बन चुकी है। ड्राइविंग लाइसेंस के लिए वाहन मालिक डीटीओ का चक्कर काट रहे हैं। सिस्टम ने इसे नासूर

बना दिया है।नए साफ्टवेयर के काम करने के बाद सबसे पहले मार्च का डीएल प्रिंट हुआ है। वर्तमान में फरवरी का कार्ड प्रिंट हो रहा है। सितंबर से जनवरी तक के करीब 30 हजार ड्राइविंग लाइसेंस अब भी लंबित हैं। नतीजा इन महीनों में आवेदन करने वाले वाहन मालिकों को लाइसेंस के लिए अभी लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। कर्मियों द्वारा सॉफ्टवेयर अपलोड नहीं करने का कारण बताकर वाहन मालिकों को टरकाया जा रहा है। विभाग को राजस्व देने के बाद भी वाहन मालिक दोहरे शोषण के शिकार हो रहे हैं।

वाहन जांच में पुलिस का दुव्र्यवहार एवं रुपये की उगाही झेलने के साथ ही जिला परिवहन कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ रहा है। वाहन मालिकों का आरोप है कि काउंटर पर बैठे कर्मी जल्दी ड्राइविंग लाइसेंस देने के लिए 1500 से 2000 रुपये की मांग करते हैं। वाहन मालिकों ने आरोप लगाया कि परिवहन कार्यालय में सक्रिय दलाल ड्राइविंग लाइसेंस के लिए सात से आठ हजार रुपये लेते हैं। दलालों का तर्क होता है कि आपरेटर से लेकर वरीय अधिकारियों तक को खुश करना पड़ता है। डीटीओ सुशील कुमार ने कहा कि पेंडिंग तेजी से कम हो रहे हैं। जल्द ही वाहन मालिकों को उनके पते पर लाइसेंस भेजा जाएगा।


0 comments
bottom of page