ADR की रिपोर्ट के मुताबिक बिहार विधानसभा 2020 चुने गए विधायकों में से 94 विधायक 5वीं से 12वीं तक ही पढ़े हैं। बिहार के 10 विधायक ऐसे हैं जो केवल 8वीं पास हैं और 30 विधायक 10 वीं पास हैं। ADR की रिपोर्ट के मुताबिक 53 विधायक 12वीं पास हैं। 134 विधायकों ने अपनी शैक्षिक योग्यता ग्रैजुएट या उससे ऊपर दी है। 9 विधायकों ने शैक्षिक योग्यता में सिर्फ साक्षर लिखा है। ये रिपोर्ट विधायकों के दिये गए शपथपत्र से तैयार की गई है। और तो और बिहार के राज्यपाल फागु चौहान जिनके हाथ मे प्रदेश के उच्च शिक्षा की कमान है यानि वो स्वयं सिर्फ मैट्रिक पास है...
देखा जाता है की बिहार में सिर्फ कुछ नेताओं को राजनीति वस टारगेट किया जाता रहा है नेताओं के बयान भी समाज में अफवाह फैलाने में मिर्च मसाले का काम करती है मिडिया भी सिर्फ कुछ लोगों को निशाना बनाते देखी जाती है जब बात उनके समर्थित दलों और जातिगत आधार पर तथाकथित अनपढ़ नेताओं की हो तो चारो तरफ चुप्पी छा जाती है
नैतिकता के आधार पर व्यंग्य टिप्पणी कटांछ दुसरे नेताओं पर क्यों नही करते इस पर लोग भी मौन धारण कर लेते है।
उदाहरण के रूप मे लोग पुर्व मुख्यमंत्री राबरी देवी के शिक्षा पर सवाल करते है लेकिन बीजेपी की पुर्व मुख्यमंत्री उमा भारती (5वी पास) का नाम आते ही चुप्पी साध लेते है।
मुद्दों के मामलो में अपनी अपनी सुविधा के अनुसार अपने जातिगत हित को देख समझ पर होशियारी से सलेक्टिव बनते लोगों के चालाकी को अब आम लोग भी अच्छी तरह समझने लगे है।
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