
बिहार को लंबे अरसे से बिजली देने वाले दो यूनिट एनटीपीसी बंद करने की तैयारी में है। कांटी और बरौनी बिजलीघर को एनटीपीसी में बंद करने की तैयारी शुरू कर दी है। एनटीपीसी बिहार में छोटे बिजली घरों को बंद करने की तरफ आगे बढ़ा है। बिहार में 110 मेगावाट बिजली का उत्पादन करने वाली दो इकाइयों को एनटीपीसी ने बंद करने का फैसला किया है। इनमें मुजफ्फरपुर का कांटी बिजलीघर और बरौनी यूनिट शामिल है। एनटीपीसी के अधिकारियों के मुताबिक पुरानी इकाई होने के कारण उत्पादन में अधिक कोयला लग रहा था, साथ ही साथ बिजली का उत्पादन लागत बढ़ता जा रहा था। इसी वजह से इन इकाइयों को बंद करने का फैसला किया गया है। एनटीपीसी की माने तो इन इकाइयों से प्रदूषण भी फैल रहा है लिहाजा कांटी और बरौनी की दोनों पुरानी इकाइयों को बंद करने का निर्णय लिया गया । बिहार की इन दो पुरानी बिजली इकाइयों को बंद करने के फैसले के बाद एनटीपीसी का कहना है कि राज्य में इससे बिजली की कोई कमी नहीं पैदा होगी। अधिकारियों के मुताबिक नवीनगर में नई बिजली इकाई चालू हो रही है और इससे भी लोगों को बिजली मिल पाएगी। आपको बता दें कि बिहार में कांटी बिजलीघर की शुरुआत 1985 में हुई थी। तत्कालीन सांसद जॉर्ज फर्नांडिस के कोशिशों का नतीजा था कि कांटी में बिजली उत्पादन शुरू हो पाया।
राजद-कॉग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने कांटी व बरौनी थर्मल पावर को एनटीपीसी द्वारा बंद किये जाने की कड़ी निंदा की है राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता सांसद मनोज कुमार झा ने केंद्र और बिहार सरकार को दिवालिया बताते हुएं ट्वीट किया की झारखंड के बटवारे के बाद बिहार में अब सिर्फ चंद प्लांट ही बचे है उनको भी सरकार चला नहीं पा रही है कांटी और बरौनी प्लांट बंद होने से जो लोग बेरोजगार होंगे उनके बारे में सरकार नहीं तो कौन सोचेगा।इस गंभीर मामले पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री मोदी से अविलंब बात कर एनटीपीसी के फैसले को रोकना चाहिये।
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