बेतिया के चनपटिया प्रखंड के गिद्धा गांव की है. बताया जा रहा है कि बेटे ने जमीन के लिए बुचुन देवी को मृत घोषित करवा दिया. इस पूरे मामले में सरकारी कर्मचारियों की संलिप्तता भी इसमें साफ दिखाई देती है. इस बीच बुचुन देवी जिंदा होने का सर्टिफिकेट लेकर सरकारी दफ्तरों का चक्कर काट रही हैं. बुचुन के आधार कार्ड, बैंक पासबुक, पैन कार्ड सहित कई सरकारी दस्तावेज उसके जिंदा होने का सबूत दे रहे हैं.
बुचुन देवी बताती हैं कि बेटे की गलत संगत के कारण पति ने जमीन उसके नाम कर दी थी. लेकिन बेटे ने जमीन के लालच में 20 जनवरी 1987 को बुचुन का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा दिया. बेटे ने मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के बाद महिला की सारी संपत्ति पर अपना कब्जा कर लिया. साथ ही महिला को घर से निकाल दिया गया. दरअसल, इस साजिश में बेटे का साथ बेटी ने भी दिया. सरकारी कर्मचारियों पर आरोप है कि बिना वेरिफिकेशन किए 20 जनवरी 1987 को चनपटिया प्रखंड कार्यालय की ओर से मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया था.
बेतिया के जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने कहा कि अगर चनपटिया में जिंदा महिला का मृत्यु प्रमाण पत्र बनाया गया है, तो यह गंभीर मामला है. इसकी जांच कराई जाएगी. प्रमाणपत्र जारी करने में जिसकी भी भूमिका होगी, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी. दरअसल, इस बीच गिद्धा की पूर्व मुखिया कौशल्या देवी ने भी 59 वर्षीय बुचुन देवी उर्फ शिवकली देवी को जिंदा माना है. पूर्व मुखिया ने इसका प्रमाणपत्र 9 मार्च 2019 को जारी किया है. साथ ही इस बाबत बीडीओ मनुरंजन कुमार पांडेय ने कहा कि मामला मेरे पूर्व का है. ऐसे में इसमें मैं कुछ नहीं बोल सकता हूं.