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सांप काटने के बाद बच्चों को नदी में बहाया, दोनों के जिंदा होने की बंगाल से आई कॉल



सांप काटने के बाद बच्चों को नदी में बहाया, दोनों के जिंदा होने की बंगाल से आई कॉल


सांप ने बेटे को काटा। बच्चे का शरीर ठंडा पड़ गया। झाड़-फूंक भी काम नहीं आया। बच्चे को मृत समझ मान्यता के अनुसार बच्चे का अंतिम संस्कार न कर उसे नदी में बहा दिया। माता-पिता ने मान लिया कि अब उनके बच्चे इस दुनिया में नहीं रहे। इस घटना के लगभग एक महीने बाद किसी का कॉल आता है और वह कहता है कि आपका बच्चा जिंदा है। माता-पिता के दिल की धड़कन तेज हो जाती है। खोज में लग जाते हैं पर उन्हें सफलता नहीं मिलती। ऐसा एक नहीं दो मामले सामने आये हैं और दोनों नवगछिया के हैं। दोनों बच्चों के माता-पिता ने डीआईजी सुजीत कुमार से बच्चों को खोजने में मदद की गुहार लगाई है। डीआईजी ने नवगछिया एसपी को खुद इस मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।

एक बच्चा पिछले साल अगस्त में दूसरा इस साल अप्रैल में नदी में बहाया गया:

नवगछिया के जिन दो बच्चों को सांप के काटने के बाद नदी में बहा दिया गया। उनमें छह साल का अक्षय रंगरा थाना क्षेत्र के उसरैहिया गांव का रहने वाला है जबकि दूसरा बच्चा 11 साल का लवकुश है जो परबत्ता थाना क्षेत्र के गोनरचक का रहने वाला है। लवकुश की मां माला देवी और अक्षय की मां आभा देवी ने डीआईजी को आवेदन दिया है जिसमें बच्चों को खोजने में मदद करने की गुहार लगाई है। लवकुश की मां माला देवी का कहना है कि उनके बेटे को इसी साल अप्रैल महीने में सांप ने काटा था। इसके बाद उसे नदी में बहा दिया गया। अक्षय की मां आभा देवी ने बताया कि उनके बेटे को पिछले साल अगस्त में ही सांप ने काटा था। इसके बाद बेटे को नदी में बहा दिया गया था। उनका यह भी कहना है कि बंगाल से उस शख्स का कॉल आने के बाद वे लोग नवगछिया पुलिस के पास कई बार गये पर पुलिस ने उनकी मदद नहीं की।

वीडियो कॉल कर दिखाया बच्चे को, उसके बाद से कॉल नहीं लगा

दोनों बच्चों के माता-पिता का कहना है कि बंगाल से कॉल करने वाले शख्स ने वीडियो कॉल कर और व्हाट्सएप पर वॉइस रिकॉर्डिंग भेजी, जिसमें दिखाया और बताया कि दोनों बच्चे जिंदा हैं। लवकुश की मां माला देवी और अक्षय की मां आभा देवी का कहना है कि जिस नंबर से उन्हें कॉल आया था। उस नंबर पर अब कॉल लगा रहे तो नहीं लग रहा। इससे उनकी चिंता बढ़ गयी है। उन लोगों का यह भी कहना है कि पैसे की दिक्कत और परिवार में कोई पढ़ा लिखा नहीं होने की वजह से बच्चे को खोजने में परेशानी हो रही है।

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