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समस्याओं की चिंता छोड़ मुजफ्फरपुर नगर निगम में एक बार फिर बिछ गई शतरंज की बिसात

Sweet City Muzaffarpur


मुजफ्फरपुर में समस्याओं के अंबार को नजरअंदाज करके ढाई माह बाद फिर से नगर निगम में शतरंज की बिसात बिछ गई है। पर्दे के पीछे से शहर की राजनीति के बड़े खिलाड़ी अपनी चाल चल रहे हैं। वार्ड पार्षद मोहरा बने हंै। महापौर समर्थक एवं विरोधी खेमा के बीच चल रहे इस खेल का फाइनल मुकाबला 30 अक्टूबर को होगा। इससे पहले एक-दूसरे के मोहरे पीटने के लिए सभी संभव तरीके अपनाए जा रहे हंै।


महापौर खेमा फाइनल मुकाबले से पूर्व खेल को रद कराने का प्रयास कर रहा है। इसके लिए कानून का सहारा लिया जा रहा है। महापौर सुरेश कुमार के करीबी एवं वार्ड छह के पार्षद जावेद अख्तर बाजी जीतने के लिए उल्टी चाल चल रहे हैं। उन्होंने महापौर को फिर से बहाल करने के सरकार के फैसले को न्यायालय में चुनौती दे डाली है। वहीं महापौर स्वयं भी कानूनी दांव-पेच से मुकाबले को रोकने में लगे हैं। वहीं, विरोधी खेमा भी सक्रिय है। उपमहापौर मानमर्दन शुक्ला एवं नगर विधायक विजेंद्र चौधरी की एकता महापौर खेमा पर भारी पड़ रही है। महापौर खेमा इस दोस्ती का फायदा उठाकर विरोधी खेमे में सेंध लगा रहा है ताकि फाइनल मैच नहीं रुका तो मैच जीता जा सके। एक तीसरा खेमा भी है जो सबकुछ चुपचाप देख रहा है मौका आने पर ही वह अपना पत्ता खोलेगा

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