top of page
ei1WQ9V34771.jpg

अपने को बड़का बदमाश मानते है थाना में सेटिंग नोट लहराकर केस लटकाते है तो अब जेल जाने को हो जाये रेडी

Ali Haider

स्वीट सिटी न्यूज ब्यूरो खुद को बड़का बदमाश समझते हैं। इधर-उधर खर्चा कर केस लटकाए रहते हैं। थाना से लेकर वहां तक सेटिंग है, तो अब शायद आपके दिन बुरे होने वाले हैं। गृह विभाग ने राज्‍य के हर जिले में 100 मामलों को स्‍पीडी ट्रायल के लिए चिह्न‍ित करने का निर्देश पुलिस को दिया है। स्पीडी ट्रायल के मामलों में तेजी लाने के निर्देश के साथ ही चार स्तर पर इसकी मानीटरिंग की व्यवस्था भी सुनिश्चित कर दी है। इन मामलों के लिए चिन्हित कांडों की समीक्षा वरीय पुलिस अधीक्षक, जिला पदाधिकारी, प्रमंडलीय आयुक्त व पुलिस महानिरीक्षक के द्वारा की जाएगी। विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने इस बाबत सभी जिला पदाधिकारी व पुलिस अधीक्षकों को पत्र लिखकर विशेष निर्देश दिए हैं।


गृह विभाग ने सभी जिलों के वरीय पुलिस अधीक्षक व पुलिस अधीक्षकों को साप्ताहिक स्तर पर और विशिष्ट मामलों की दैनिक आधार पर समीक्षा करने को कहा है। इसी तरह डीएम को एसपी व संबंधित अभियोजक के साथ पाक्षिक आधार पर समीक्षा करने को कहा गया है। इसमें मेडिकल, पोस्टमार्टम या एफएसएल रिपोर्ट में देर होगी तो वह अपने स्तर से निर्देश देंगे।

स्पीडी ट्रायल की चार स्तरों पर होगी समीक्षा गृह विभाग ने दिया बिहार को पुलिस को निर्देश साप्ताहिक से त्रैमासिक स्तर पर होगी मानीटरिंग

लापरवाही पर आयुक्त-आइजी करेंगे कार्रवाई

प्रमंडलीय आयुक्त, आइजी व डीआइजी को हर माह स्पीडी ट्रायल की समीक्षा करनी है। समीक्षा के दौरान किसी पदाधिकारी के रुचि न लेने या लापरवाही बरतने का मामला आता है, तो संबंधित पुलिसकर्मी के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी। राज्य स्तर पर गृह विभाग के सचिव हर तीन माह पर स्पीडी ट्रायल के चिन्हित कांडों की समीक्षा करेंगे। समीक्षा बैठक में फारेंसिक साइंस लेबोरेटरी के निदेशक भी उपस्थित रहेंगे।

समीक्षा में इन बिंदुओं पर होगा ध्यान

संज्ञान, पुलिस पेपर, आरोप गठन, अभियोजन साक्ष्य, बयान व लंबित कांडों की स्थिति मेडिकल रिपोर्ट, पोस्टमार्टम रिपोर्ट व न्यायालय में गवाह, वस्तु प्रदर्श की स्थिति सरकारी गवाहों की उपस्थिति, पीडि़त व गवाहों की सुरक्षा आदि। सजा-रिहाई की स्थिति। रिहाई की स्थिति में अपील आदि पर विचार।

0 comments

Comments


bottom of page