
मुजफ्फरपुर शहर के धर्मशाला चौक से थोड़ी दूर पहले स्टेशन रोड में बरसात के कारण घुटने भर पानी में डूबी सड़क पर स्ट्रीट लाइट के खंभे में प्रभावित करंट की चपेट में आने से सोमवार की सुबह सात बजे दरभंगा जिले के बहेरा थाना के माधोपुर जकौली निवासी 22 वर्षीय रोहित कुमार की मौत हो गई। वह अपने चचेरे भाई की शादी में शामिल होने के लिए दिल्ली से 60 वर्षीय पिता कैलाश यादव और मां शुकला देवी के साथ हमसफर ट्रेन से जंक्शन पर उतरा था। दरभंगा की बस जीरोमाइल चौक से पकड़नी थी।
इसके लिए मोतीझील ओवरब्रिज पर ऑटो पकड़ने तीनों पैदल ही जा रहे थे। कैलाश यादव ने बताया कि घुटने भर पानी में डूबी सड़क पर डिवाइडर का किनारा पकड़कर जा रहे थे। आगे पुत्र रोहित बीच में 57 वर्षीय पत्नी शुकला और सबसे पीछे कैलाश यादव चल रहे थे। धर्मशाला चौक से पहले डिवाइडर तक सड़क पर पानी भरा था। अचानक आगे चल रहे रोहित को करंट का झटका लगा। वह पानी में गिरने से पहले खंभे को थामा। पत्नी शुकला और कैलाश को भी झटका लगा दोनों समझ गये कि करंट है। रोहित पोल पकड़ा तो उसमें सटा ही रह गया। कैलाश यादव सड़क किनारे

की दुकान में बांधे बांस को किसी तरह नोचकर निकाला। उसी बांस से करंट लगने से पानी भरे सड़क पर गिरकर छटपटा रहे रोहित को आगे की ओर धकेला। मां शुकला देवी रोहित के पीठ के बैग का फीता पकड़कर खींची। इस तरह उसे करंट वाले क्षेत्र से खींचकर बाहर निकाला। दोनों बूढ़े मां व पिता बेहोश बेटे को गले लगाकर चीत्कार मारने लगे। एक राहगीर ने मदद की, तो उसे लेकर सदर अस्पताल में इलाज कराने पहुंचा। लेकिन, चिकित्सकों ने नब्ज देखने के बाद मृत बता दिया। नगर थाने के एएसआई शैलेंद्र सिंह ने कैलाश यादव का बयान दर्ज किया। इसके बाद कैलाश ने दरभंगा में घर वालों को कॉल किया। परिवार के लोग पहुंचे। फिर शव को लेकर सभी दरभंगा चले गये। नगर थानाध्यक्ष अनिल कुमार ने बताया कि कैलाश यादव ने करंट लगने से अपने बेटे रोहित की मौत होने की बात अपने आवेदन में बताई है। हालांकि उन्होंने मामला नहीं दर्ज कराया है।
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