मुजफ्फरपुर हेड पोस्ट ऑफिस में 25.66 लाख रुपए के स्टांप घोटाला मामले में फरार चल रहे आरोपी डाक सहायक कृष्ण मुरारी को खबड़ा से पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उसके विरुद्ध कोर्ट से वारंट निर्गत था। पूछताछ के बाद उसे कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया। एक सप्ताह पूर्व भी इसी केस में डाककर्मी संजय कुमार को टाउन थाना की पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था। बता दें कि फरार रहने की स्थिति में पुलिस द्वारा चार दिन पूर्व कोर्ट से वारंट निर्गत
कराने को अर्जी दी गई थी। पुलिस का कहना है कि अगर गिरफ्तारी नहीं होती तो इश्तेहार चस्पाने व कुर्की की कार्रवाई होती। हालांकि इसके पूर्व ही उसकी गिरफ्तारी कर ली गई। केस के IO सब इंस्पेक्टर सुनील पंडित ने बताया कि 2020 में केस दर्ज हुआ था। उसी मामले में इसकी गिरफ्तारी हुई है।
एनुअल ऑडिट में पकड़ाया था मामला
बता दें कि वर्ष 2020 में एनुअल ऑडिट के दौरान गबन का मामला पकड़ में आया था। जिसके बाद तत्कालीन डाक विभाग के अधिकारी सोनेलाल राम ने टाउन थाना में FIR दर्ज कराया था। इसमे संजय के अलावा डाक कर्मी शशिभूषण तिवारी और स्टाम्प
ट्रेजरी कृष्णमुरारी को आरोपी बनाया गया था। पुलिस का कहना है शशिभूषण अभी जमानत पर है। वहीं कृष्णमुरारी और संजय की गिरफ्तारी हो चुकी है।
काउंटर से बेच दिया था पोस्टल स्टाम्प
डाक अधिकारी सोनेलाल राम ने FIR में बताया था कि काउंटर से पोस्टल स्टाम्प बेचा गया था। जब स्टॉक का मिलान किया गया तो स्टाम्प कम पाया गया। अगर नहीं बिका था तो यह स्टॉक में जमा होता। अगर बिका था तो ट्रेजरी में कैश जमा किया गया होता। लेकिन, दोनों में से कुछ नहीं किया गया था। पोस्टल स्टाम्प की जिम्मेवारी संजय के हाथ मे थी। जबकि एकाउंट का जिम्मा शशिभूषण तिवारी के पास
था। जांच के क्रम में सरकारी राशि गबन करने का मामला पकड़ा गया। जिसके बाद FIR दर्ज कराया गया था।
ATS के ADG ने की थी समीक्षा
हाल में ATS के ADG ने टाउन थाना में पेंडिंग केसों की समीक्षा की थी। गिरफ्तारी के कारण जो केस पेंडिंग थे। उसे सबसे पहले निपटाने के निर्देश दिया गया था। जिसके बाद पिछले सप्ताह टाउन पुलिस ने एक डाक कर्मी और सहकर्मी की हत्या के केस में गिरफ्तार कर जेल भेजा था। अब ये गबन का दूसरा मामला सामने आया है। जिसमे डाक सहायक की गिरफ्तारी हुई है।
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