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  • Ali Haider

छपरा में बंदरगाह का निर्माण हुआ शुरू बिहार बंगाल होते हुएं गोवाहाटी रवाना हुआ कार्गों पनिया-जहाज


मुजफ्फरपुर न्यूज़ ब्यूरो; केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी जलमार्ग परियोजना के तहत सारण जिला स्थित गंडक नदी में कालू घाट में अंतरराष्ट्रीय हाई लेवल बंदरगाह का शिलान्यास शनिवार को पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री

पहली बार बिहार से गुवाहाटी रवाना होता LBS जहाज

सर्बानंद सोनोवाल गायघाट स्थित भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण से किया। 13.17 एकड़ भूखंड में करीब 78.5 करोड़ रुपये की लागत से यह टर्मिनल दो साल में तैयार हो जाएगा।

इस टर्मिनल से व्यापार के साथ रोजगार के ढ़ेर सारे अवसर भी पैदा होंगे। शिलान्यास कार्यक्रम में वाणिच्य एवं उद्योग मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, जहाज मंत्रालय बंगलादेश के मंत्री खालिद महमूद चौधरी, राज्य के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, उपमुख्यमंत्री रेणु देवी, आइडब्ल्यूएआइ के अध्यक्ष संजय बंधोपाध्याय, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, सारण के सांसद राजीव प्रताप रूढ़ी, स्थानीय सांसद रवि शंकर प्रसाद आदि उपस्थित रहे।

बंगाल के हल्दिया से कालू घाट के रास्ते कंटेनर जाएगा नेपाल

अंतरराष्ट्रीय जलमार्ग से हल्दिया पहुंचने वाला कंटेनर गंगा के रास्ते कालू घाट पहुंचेगा। सड़क मार्ग से कंटेनर उत्तर बिहार के विभिन्न जिलों एवं नेपाल भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि हल्दिया से कालू घाट की दूरी करीब 900 किलोमीटर है। इसे तय करना आसान और सुरक्षित होगा। समय की भी बचत होगी।

हवाई, रेल व सड़क मार्ग की अपेक्षाकृत जल मार्ग से कंटेनरों द्वारा माल मंगाना और भेजना बहुत सस्ता होगा। जलमार्ग से 20 से 40 फीट लंबे कंटेनर में माल की ढुलाई होगी। इसमें कोलकाता स्थित गार्डेन रीच बंदरगाह भी सहायक होगा।

पटना से गुवाहाटी पहली बार रवाना हुआ कारगो

गायघाट स्थित बंदरगाह से असम के गुवाहाटी स्थित बंदरगाह के लिए 200 टन चावल की खेप लेकर पहली बार कारगो गंगा के रास्ते शनिवार को रवाना हुआ। इसे विभाग के केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने रवाना किया।

आइडब्ल्यूएआइ के सहायक निदेशक अरविंद कुमार ने बताया कि फूड कारपोरेशन आफ इंडिया का चावल पटना से गुवाहाटी भेजा जा रहा है। पटना स्थित बंदरगाह से गुवाहाटी 14 सौ किलोमीटर है। ट्रायल कामयाब होते ही विकास और व्यापार का रिश्ता और मजबूत हो जाएगा। पटना से गंगा के रास्ते भागलपुर, साहेबगंज, फरक्का, कोलकाता होते हुए यह बांग्लादेश के जलमार्ग से होते हुए गुवाहाटी तक पहुंचेगा। जलमार्ग के इस बंदरगाह से दो देश बंगलादेश और नेपाल एवं बिहार बंगाल झारखंड और असम जलमार्ग से आपस मे जुड़ जाएंगे कंटेनर से बिहार के उत्पादन कम खर्च में और ज्यादा सुरक्षित अवस्था में अनेक महत्वपूर्ण जगहों पर पहुंचेगा और उसी तरह उक्त जगहों से बिहार नेपाल के लिये आवश्यक सामान पहुंचेगा।

उत्तर बिहार को इस बंदरगाह से बहुत फायदा होगा ये उम्मीद जताया जा रहा है।



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